केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुपयोगी हो चुके 71 कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुपयोगी हो चुके 71 कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी दी
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उन 71 कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी, जिनकी उपयोगिता कानून की किताबों में समाप्त हो चुकी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इन 71 कानूनों में से 65 प्रमुख अधिनियमों में संशोधन हैं और छह प्रमुख कानून हैं।
अधिकारियों ने बताया कि निरस्त किए जाने वाले प्रस्तावित कानूनों में से कम से कम एक कानून ब्रिटिश काल का है।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित निरसन और संशोधन विधेयक का उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों को रद्द करना नहीं है, बल्कि उन अधिनियमों को हटाना है, जिनकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने बताया, ‘‘संसद द्वारा संशोधन पारित हो जाने के बाद वह मूल कानून में समाहित हो जाता है। फिर वह केवल कानूनों की किताबों में अनावश्यक बोझ डालता है। इसका इस्तेमाल अब समाप्त हो चुका है, लेकिन यह अब भी मौजूद है, जिससे भ्रम पैदा होता है।’’
अब तक 1,562 पुराने अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया जा चुका है।
एक बार प्रस्तावित विधेयक को संसद की मंजूरी मिल जाने के बाद, निरस्त किए जाने वाले कानूनों की कुल संख्या 1,633 हो जाएगी।
मई 2014 से, नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार औपनिवेशिक दौर के पुराने और अप्रचलित कानूनों को लगातार निरस्त कर रही है।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप

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