सीएक्यूएम ने धूल नियंत्रण उपायों के आकलन के लिए पीडब्ल्यूडी, डीडीए की सड़कों का निरीक्षण किया

सीएक्यूएम ने धूल नियंत्रण उपायों के आकलन के लिए पीडब्ल्यूडी, डीडीए की सड़कों का निरीक्षण किया

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 10:38 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 10:38 PM IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में सड़क रखरखाव एजेंसियों द्वारा किए गए सुधारात्मक उपायों के अनुपालन और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक निरीक्षण अभियान चलाया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह समीक्षा वैधानिक ढांचे और मौजूदा चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के प्रावधानों के तहत निरंतर निगरानी और जारी प्रवर्तन प्रयासों के हिस्से के रूप में की गई थी।

अधिकारियों के मुताबिक, ‘‘दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की कुल 15 टीमों ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा अनुरक्षित 106 सड़कों का निरीक्षण किया और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की दो टीमों ने दिल्ली आयोग के न्यायिक निर्देशों के तहत चयनित 27 सड़क का पुनः निरीक्षण किया।’’

आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जियो-टैग और ‘टाइम-स्टैम्प वाले फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन’ एकत्र किये गये और समेकित निरीक्षण रिपोर्ट के हिस्से के रूप में आयोग को प्रस्तुत की गई।’’

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सड़क पर दिखाई देने वाली धूल के इकठ्ठा होने और यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों के जमीनी संचालन का आकलन करना था, साथ ही ठोस अपशिष्ट का जमा होना, निर्माण व तोड़फोड़ के दौरान जमा होने वाली गंदगी और खुले में कूड़ा जलाने के मामलों की पहचान करना था।

उन्होंने बताया, ‘‘डीडीए द्वारा संरक्षित 27 सड़क खंडों का पुनः निरीक्षण करने पर यह देखा गया कि अब इनमें से कोई भी खंड उच्च धूल श्रेणी में नहीं आता है। इस महीने की शुरुआत में किए गए निरीक्षणों के दौरान धूल का स्तर अधिक पाया गया था। इनमें से सात सड़क खंडों पर धूल नहीं पाई गई और एक खंड में धूल का स्तर दर्ज स्तर से कम पाया गया।’’

अधिकारी ने बताया कि साथ ही पीडब्ल्यूडी द्वारा संरक्षित 106 सड़क खंडों के निरीक्षण से पता चला कि नौ खंडों में धूल का स्तर अधिक था, 16 में मध्यम धूल थी, 37 में धूल कम थी और 44 खंडों में धूल बिल्कुल नजर नहीं आई।

भाषा जितेंद्र शफीक

शफीक