नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई) ने सोमवार को कहा कि निचली अदालत को आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेताओं पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दलीलें सुनने और आरोप तय करने से नहीं रोका जा सकता।
सीबीआई इस मामले में निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही स्थगित करने की चिदंबरम की याचिका का विरोध कर रही है।
न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा के समक्ष पेश हुए सीबीआई के वकील ने कहा, ‘आरोप अभी तय नहीं किए गए हैं। जांच जारी रह सकती है। जब उनका खुद का यह कहना है कि जांच जारी रह सकती है, तो यह याचिका कैसे स्वीकार्य है?’
उन्होंने कहा, ‘कानून उनके खिलाफ है। कानून कहता है कि आरोपों पर सुनवाई हो सकती है, आरोप तय किए जा सकते हैं।’
आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि जब तक सीबीआई की जांच लंबित है, तब तक निष्पक्ष सुनवाई के हित में निचली अदालत को दलीलें नहीं सुननी चाहिए और आरोप तय नहीं करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आरोपियों से कुछ सामग्री इस आधार पर छिपाई गई कि जांच अब भी जारी है।
उन्होने कहा कि अगर आरोप तय होने के बाद अन्य सबूत बरामद किए गए तो सीबीआई का मामला खत्म हो जाएगा।
लूथरा ने कहा, ‘जांच शुरू हुए आठ साल हो चुके हैं और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है।’
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वित्त मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुईं।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई मई में होगी।
भाषा जोहेब रंजन
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