सीबीएसई इस बार नहीं जारी करेगा मेधावी सूची, शीर्ष 0.1 प्रतिशत विद्यार्थियों को दिए जाएंगे प्रमाणपत्र |

सीबीएसई इस बार नहीं जारी करेगा मेधावी सूची, शीर्ष 0.1 प्रतिशत विद्यार्थियों को दिए जाएंगे प्रमाणपत्र

सीबीएसई इस बार नहीं जारी करेगा मेधावी सूची, शीर्ष 0.1 प्रतिशत विद्यार्थियों को दिए जाएंगे प्रमाणपत्र

Edited By :  
Modified Date: May 13, 2025 / 07:26 PM IST
,
Published Date: May 13, 2025 7:26 pm IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कहा कि वह किसी भी अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों में न तो कोई मेधावी सूची घोषित करेगा और न ही छात्रों की उत्तीर्ण श्रेणी इंगित करेगा।

बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए।

दसवीं कक्षा की परीक्षा में 93 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जबकि 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिशत 88.39 प्रतिशत रहा। दोनों परीक्षाओं में लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने बाजी मारी है।

सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘बोर्ड द्वारा पहले लिए गए निर्णय के अनुसार, विद्यार्थियों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए, सीबीएसई द्वारा कोई मेधावी सूची तैयार और घोषित नहीं की गई है। इसके अलावा, बोर्ड ने अपने छात्रों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी नहीं दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड उन शीर्ष 0.1 प्रतिशत छात्रों को मेधावी प्रमाणपत्र जारी करेगा, जिन्होंने विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं। मेधावी प्रमाणपत्र संबंधित छात्रों के ‘डिजी-लॉकर’ में उपलब्ध होंगे।’’

सीबीएसई की मेधावी सूची 2020 और 2021 में भी घोषित नहीं की गई थी क्योंकि बोर्ड ने कोविड-19 के कारण कुछ या सभी प्रश्नपत्र रद्द होने के बाद वैकल्पिक मूल्यांकन योजना अपनाई थी। बोर्ड ने 2022 में इस नीति को स्थायी रूप से बंद कर दिया।

हालांकि, कई विद्यालयों ने सबसे अधिक अंक लाने वाले अपने विद्यार्थियों के नामों की घोषणा की।

गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की श्लोका उपाध्याय और शामली के स्कॉटिश इंटरनेशनल स्कूल की सावी जैन दोनों ने 12वीं की परीक्षा में 500 में से 499 अंक प्राप्त किए हैं।

जैन ने कहा, ‘‘मैं हर दिन चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी। स्कूल के बाद मैं ट्यूशन जाती थी और फिर कुछ समय आराम करती थी। मैं एक निश्चित दिनचर्या का पालन करती थी और पहले से योजना बनाती थी कि किस विषय पर ध्यान केंद्रित करना है। मेरा लक्ष्य प्रत्येक विषय को इतनी अच्छी तरह से समझना था कि मैं उसके कम से कम 99 प्रतिशत के बारे में आश्वस्त हो सकूं।’’

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)