मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट हुई केंद्र सरकार..! अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड से लेकर एयरपोर्ट पर सख्ती, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सतर्क

Central government alert regarding monkeypox: एक मरीज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिलने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है।

मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट हुई केंद्र सरकार..! अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड से लेकर एयरपोर्ट पर सख्ती, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सतर्क

Central government alert regarding monkeypox

Modified Date: August 19, 2024 / 11:41 pm IST
Published Date: August 19, 2024 11:41 pm IST

नई दिल्ली। Central government alert regarding monkeypox : मंकीपॉक्स नाम की इस बीमारी का एक मरीज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिलने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है। मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया सतर्क हो गई है। मध्य और पूर्वी अफ्रीका से शुरू हुआ यह संक्रमण अब भारत के करीब तक पहुंच गया है। पाकिस्तान में मंकी पॉक्स के तीन मामले पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक पहला मामला सऊदी अरब से वापस आए एक शख्स में पाया गया है। वहीं मामलों को देखते हुए अब भारत सरकार भी सख्ती में आ गई है।

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भारत में अलर्ट

मंकीपॉक्स नाम की इस बीमारी का एक मरीज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिलने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास मौजूद बंदरगाहों के अधिकारियों को ‘मंकीपॉक्स’ के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है।

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जानकारी अनुसार, भारत सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि जिनके शरीर पर दाने उभर रहे हैं, ऐसे मरीजों की पहचान करें और आइसोलेशन वार्ड तैयार करें। दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पताल – सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, और राम मनोहर लोहिया अस्पताल – को इस कार्य के लिए चिह्नित किया गया है।

एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी

संदिग्ध मरीजों के आरटी-पीसीआर और नाक के स्वाब टेस्ट किए जाएंगे। हवाई अड्डों को भी आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूसरी बार एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पहले की तुलना में अधिक प्रभावी है और यह रुटीन क्लोज कॉन्टेक्ट (सामान्य तौर पर निकट संपर्क), जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है, इनके जरिए आसानी से फैलता दिख रहा है।

क्या है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है।

कैसे फैसता है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचरित हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह समलैंगिक या उभयलिंगी लोगों से संबंधित कई मामलों की भी जांच कर रहा है।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years