सेंट्रल विस्टा : न्यायालय ने भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सेंट्रल विस्टा : न्यायालय ने भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सेंट्रल विस्टा : न्यायालय ने भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: November 23, 2021 1:02 am IST

Court rejects petition : नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उस भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, जहां लुटियंस दिल्ली में महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति का नया आधिकारिक आवास बनेगा।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त स्पष्टीकरण दिये गये हैं जो भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन को सही ठहराते हैं।

पीठ ने कहा, “हमें इस मामले की और जांच करने का कोई कारण नहीं मिला और इसलिए इस याचिका को खारिज करके पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं।”

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सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है, जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है, जब देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी तक फैली परियोजना के तहत 2024 तक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।

शीर्ष अदालत भूखंड संख्या एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

भाषा

नेहा मनीषा

मनीषा


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