सेट्रल विस्टा: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से भूमि उपयोग में बदलाव से जुड़े मुद्दे पर हलफनामा दाखिल करने को कहा

सेट्रल विस्टा: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से भूमि उपयोग में बदलाव से जुड़े मुद्दे पर हलफनामा दाखिल करने को कहा

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  • Publish Date - October 25, 2021 / 05:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को उस भूखंड के भू-उपयोग में प्रस्तावित बदलाव के मुद्दे पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जहां लुटियंस दिल्ली में महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नए आधिकारिक आवास निर्धारित किये गये हैं।

उच्चतम न्यायालय भूखंड नंबर एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

यह मामला न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है, जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है, जब देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी को कवर करने वाली परियोजना के तहत 2024 तक साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होने की संभावना है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि जहां तक मनोरंजन क्षेत्र को आवासीय में बदलने का संबंध है, अधिकारियों ने कोई जनहित नहीं दिखाया है।

मेहता ने पीठ को बताया कि भूखंड पर उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए सरकारी आवास निर्धारित हैं।

पीठ ने मेहता से पूछा, ‘‘तो, सार्वजनिक मनोरंजन क्षेत्र अब उपलब्ध नहीं है। क्या सार्वजनिक मनोरंजन क्षेत्र को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है या किसी अन्य भूखंड में स्थानांतरित किया जा रहा है।’’

मेहता ने कहा कि मनोरंजक क्षेत्र को स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि संसद वहां बनेगी। पीठ ने कहा, ‘‘आपका क्या रुख है, हम इसके बारे में जानना चाहेंगे।’’

मेहता ने कहा, ‘‘मुझे इस संबंध में जानकारी लेनी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि संसद और अन्य चीजें पास में होंगी इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के क्षेत्र में एक मनोरंजन क्षेत्र होना संभव नहीं होगा।’’

पीठ ने पूछा कि क्या वह इस मामले में उठाये गए मुद्दे पर एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करना चाहेंगे?

मेहता ने कहा कि वह तीन दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करेंगे।

पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादी (केंद्र और अन्य) आज से तीन दिनों के भीतर संक्षिप्त हलफनामा दाखिल कर सकते हैं, जिसमें संशोधन की आवश्यकता को सही ठहराना भी शामिल है।’’

पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि 29 अक्टूबर तय की।

भाषा

देवेंद्र अनूप

अनूप