केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर करें महामारी की घातक दूसरी लहर का सामना: गहलोत

केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर करें महामारी की घातक दूसरी लहर का सामना: गहलोत

केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर करें महामारी की घातक दूसरी लहर का सामना: गहलोत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: May 9, 2021 3:23 pm IST

जयपुर, नौ मई (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ अगर केन्द्र और राज्य सरकारें तथा सभी देशवासी मिलकर लड़ेंगे, तभी जीत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अप्रत्याशित तथा अधिक घातक है और इसने भयंकर रूप ले लिया है। इस चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी है कि टीकाकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चित्तौड़गढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने 325-325 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे मेडिकल कालेजों की शिलान्यास पट्टिकाओं का वर्चुअल अनावरण किया।

इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, राज्य के चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डा. सुभाष गर्ग उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अपने स्तर पर लाकडाउन के अलग-अलग प्रतिबंध लागू किए हैं, जिससे अन्तर्राज्यीय समन्वय में कमी महसूस हो रही है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में, केन्द्र सरकार को पिछली बार के राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के अनुभवों से सीख लेते हुए फिर से पूरे देश में एकरूपता के साथ लाकडाउन लागू करने पर विचार करना चाहिए।

गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में डीआरडीओ की ओर से लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांटों की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन परिवहन के लिए अतिरिक्त टैंकर उपलब्ध कराने, राज्य को ऑक्सीजन का आवंटन देश के पूर्वी राज्यों की बजाय निकटवर्ती राज्यों से कराने का आग्रह किया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज राजस्थान और पूरा देश कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में बहुत अधिक तकलीफ से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इन विषम स्थितियों का सामना करने में केन्द्र सरकार सभी राज्यों को यथा संभव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज लगाने को भी समान प्राथमिकता दी जाए।

हर्षवर्धन ने बताया कि अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थानों (एम्स) की संख्या बढ़कर 22 हो गई है तथा 110 चिन्हित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसी क्रम में तीसरे चरण में स्वीकृत किए गए 75 मेडिकल कॉलेजों में से सर्वाधिक 15 राजस्थान में हैं।

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि केन्द्र सरकार चिकित्सा शिक्षा संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने एवं शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द इन कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू किए जाए।

भाषा कुंज अर्पणा

अर्पणा


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