केंद्र बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए : अदालत

केंद्र बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए : अदालत

केंद्र बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए : अदालत
Modified Date: December 26, 2025 / 01:05 pm IST
Published Date: December 26, 2025 1:05 pm IST

मदुरै, 26 दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने व्यवस्था दी है कि केंद्र सरकार बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को विनियमित करने के लिए उसी तरह से एक कानून बनाने पर विचार कर सकती है जैसा कानून आस्ट्रेलिया में बनाया गया है।

अदालत ने कहा कि जब तक ऐसा कोई कानून लागू नहीं हो जाता, तब तक राज्य और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों में बाल अधिकारों और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर सकता है।

अदालत द्वारा सुझाए गए ढांचे का उद्देश्य 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट रखने से रोकना है, क्योंकि नाबालिगों के हानिकारक ऑनलाइन सामग्री के संपर्क में आने की आशंका है।

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न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन और न्यायमूर्ति के के रामकृष्णन की खंडपीठ ने हाल ही में ये टिप्पणियां तब कीं जब याचिकाकर्ता एस विजयकुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील के पी एस पलानीवेल राजन ने एक नए ऑस्ट्रेलियाई कानून का हवाला दिया, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही पीठ ने कहा कि भारत भी इसी तरह का कानून लाने पर विचार कर सकता है।

विजयकुमार ने जनहित याचिका दायर कर इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को ‘पेरेंटल विंडो’ सेवा प्रदान करने का निर्देश देने और अधिकारियों के माध्यम से बच्चों में जागरूकता पैदा करने को कहा।

राजन ने तर्क दिया था कि याचिकाकर्ता ने उपरोक्त राहत इसलिए मांगी है क्योंकि अश्लील सामग्री आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है।

भाषा तान्या मनीषा

मनीषा


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