नगर कीर्तन जुलूस में हुई ‘बाधा’ का मुद्दा न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाए केंद्र: मान और बादल

नगर कीर्तन जुलूस में हुई ‘बाधा’ का मुद्दा न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाए केंद्र: मान और बादल

नगर कीर्तन जुलूस में हुई ‘बाधा’ का मुद्दा न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाए केंद्र: मान और बादल
Modified Date: December 22, 2025 / 12:19 am IST
Published Date: December 22, 2025 12:19 am IST

चंडीगढ़, 21 दिसंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार से दक्षिण ऑकलैंड में शांतिपूर्ण नगर कीर्तन जुलूस में डाली गयी ‘बाधा’ के मुद्दे को न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया।

मान ने इस मुद्दे के संबंध में पूछे जाने पर धूरी में पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले को न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने दक्षिण ऑकलैंड में शनिवार को निकाले गए नगर कीर्तन जुलूस के बारे में कहा कि हर किसी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है।

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आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने यह भी कहा कि पंजाबी मेहनती होते हैं और वे जहां भी जाते हैं, उस जगह के विकास में योगदान देते हैं।

वहीं, बादल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह किया कि वह इस मामले को न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

बादल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “न्यूजीलैंड के दक्षिण ऑकलैंड में कल (शनिवार को) स्थानीय लोगों द्वारा शांतिपूर्ण ‘नगर कीर्तन’ जुलूस को बाधित करने की मैं कड़ी निंदा करता हूं।”

उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य धार्मिक स्वतंत्रता और सार्वभौमिक भाईचारे की भावना के लिए खतरा हैं।

इस बीच, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा वैश्विक समुदाय के कल्याण, शांति, सहिष्णुता और प्रगति में अनुकरणीय योगदान दिया है।

धामी ने कहा कि सिख धर्म की नींव सभी का कल्याण, भाईचारा और मानवता की सेवा के सिद्धांतों पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन सिख धर्म की एक पवित्र धार्मिक परंपरा है जो समाज में आपसी सद्भाव, प्रेम और एकता का संदेश देती है। ऐसे धार्मिक आयोजनों का विरोध करना सिख गुरुओं के सार्वभौमिक संदेश पर सीधा हमला है।

एसजीपीसी अध्यक्ष ने न्यूजीलैंड और भारत की सरकारों से इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और सिख समुदाय को अपने धार्मिक आयोजनों को संपन्न करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की अपील की।

भाषा

शुभम सुभाष

सुभाष


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