चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा : प्रधानमंत्री मोदी

चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा : प्रधानमंत्री मोदी

चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा : प्रधानमंत्री मोदी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: September 25, 2022 11:34 am IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के नाम पर करने की घोषणा की।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 93वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि एक कार्यबल मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए अफ्रीकी चीतों की निगरानी कर रहा है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि आम जन इन चीतों का दीदार कब से कर पाएंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘भगत सिंह की जयंती के ठीक पहले उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। यह तय किया है कि चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम अब शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा।’’

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चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के लोगों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।

सरदार भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को मनाई जाती है।

कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए अफ्रीकी चीतों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने से लोगों ने भारत में चीतों के लौटने पर खुशी जताई है।

उन्होंने कहा कि यह भारत का ‘प्रकृति प्रेम’ ही है कि 130 करोड़ भारतवासी खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं।

मोदी ने बताया, ‘‘एक कार्यबल बनाया गया है। यह कार्यबल चीतों की निगरानी करेगा। यह देखा जाएगा कि यहां के माहौल में ये चीते कितने घुल-मिल पाए हैं। इसी के आधार पर कुछ महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा और तब आप चीतों को देख पाएंगे।’’

प्रधानमंत्री ने चीतों के लेकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान और चीतों के नाम को लेकर भी देशवासियों से सुझाव मांगे।

मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और जनसंघ के सस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, ‘‘हम उन्हें जितना जानेंगे, उनसे जितना सीखेंगे, हम सबको देश को उतना ही आगे लेकर जाने की प्रेरणा मिलेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय का ‘एकात्म मानवदर्शन’ और ‘अंत्योदय’ का एक विचार पूरी तरह से भारतीय था।

भाषा पारुल

पारुल


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