Onboard कैमरे से ली गई चंद्रयान-3 की तस्वीर, देखिए कैसे तय किया धरती से लेकर अंतरिक्ष तक का सफर…
Onboard कैमरे से ली गई चंद्रयान-3 की तस्वीर : Chandrayaan-3's picture taken from the onboard camera, see how it decided the journey
ये स्ट्रैपऑन इंजन रॉकेट से अलग होकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाते हैं। यह नजारा जमीन पर खड़े होकर भी देखा जा सकता है।अगर आसमान साफ हो तो। इस बार लोगों ने इसे देखा।
नई दिल्ली । चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो गई है। भारत ने दुनिया में फिर से डंका बजा दिया है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 भारत में खुशखबरी लेकर आएगा और स्वतंत्रता दिवस का तोहफा देकर जाएगा। चंद्रयान 3 में कई ऐसे कैमरे लगाए गए है। जो इसकी पूरी यात्रा की तस्वीर कैप्चर करेंगे। अगर रॉकेट में किसी भी तरह की गड़बड़ी हो तो उसका पता इस कैमरे के माध्यम से लगाया जा सकता है।
- ये तस्वीर लॉन्च के काउंटडाउन खत्म होने के तुरंत बाद की है। इस तस्वीर में चंद्रयान से जुड़े दो रॉकेट दिख रहे हैं। काउंटडाउन के बंद होने के बाद स्ट्रैपऑन थ्रस्टर्स यानी साइड में लगे दो बड़े इंजन और रॉकेट का इंजन शुरू हो जाता है।
- रॉकेट अपने पीछे धरातल से ऊपर उठकर आसमान की ओर बढ़ रहा है और इसके पीछे धुएं का ढेर सारा गुबार नजर आ रहा है।
- जैसे ही रॉकेट स्पीड पकड़ता है। उसके स्ट्रैपऑन इंजन के चारो तरफ हवा के दबाव से एक सफेद रंग का घेरा बनता है। ऐसा फाइटर जेट के सुपरसोनिक होने पर दिखाई देता है।
- जब चंद्रयान-3 जमीन से करीब 62.17 किमी की ऊंचाई पर पहुंचता है तब इसके दोनों स्ट्रैपऑन इंजन रॉकेट से अलग हो जाते हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर उड़ने से ये दोनों इंजन उसमें जाकर गिर जाते हैं।
- जब चंद्रयान-3 करीब 62.17 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचता है, तब दोनों स्ट्रैपऑन अलग हो जाते हैं।
- ये स्ट्रैपऑन इंजन रॉकेट से अलग होकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाते हैं। यह नजारा जमीन पर खड़े होकर भी देखा जा सकता है।अगर आसमान साफ हो तो। इस बार लोगों ने इसे देखा।

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