नौसेना प्रमुख ने नये भारतीय समुद्री सिद्धांत का अनावरण किया
नौसेना प्रमुख ने नये भारतीय समुद्री सिद्धांत का अनावरण किया
नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भारतीय समुद्री सिद्धांत के नये संस्करण का मंगलवार को अनावरण किया। इस सिद्धांत का उद्देश्य हर तरह की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाना है।
नौसेना के अनुसार, नये सिद्धांत में ‘युद्ध नहीं, शांति नहीं’ को शांति और संघर्ष के बीच की एक विशिष्ट श्रेणी के रूप में औपचारिक दर्जा दिया गया है और इसे संघर्ष क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण आयाम के रूप में स्थापित किया गया है।
भारतीय समुद्री सिद्धांत पहली बार 2004 में प्रकाशित किया गया था और 2009 में इसका संशोधित संस्करण जारी किया गया था। इसमें 2015 में कुछ मामूली संशोधन जोड़े गए थे।
नये संस्करण में भारत के समुद्री परिवेश और रणनीतिक दृष्टिकोण में आए बड़े बदलावों को परिलक्षित किया गया है।
नौसेना ने कहा, ‘‘भारतीय समुद्री सिद्धांत 2025 नौसेना की रणनीति और अभियानों के लिए आधार तैयार करता है।’’
उसने कहा, ‘‘यह नौसेना की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है और इस मूल प्रश्न का उत्तर देता है कि हम जो करते हैं, वह क्यों करते हैं।’’
नौसेना ने एक बयान में कहा कि भारतीय समुद्री सिद्धांत का उद्देश्य भारत की क्षेत्रीय भूमिका और समुद्री प्रभाव को आगे बढ़ाना है तथा एक ऐसे समुद्री-सचेत राष्ट्र का निर्माण करना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा में समुद्री शक्ति की केंद्रीय भूमिका को समझता हो।
बयान में कहा गया है, ‘‘यह तीनों सेनाओं के बीच समेकन और एकीकरण को मजबूत करने का प्रयास करता है और सिद्धांत को रणनीति, परिचालन निर्देशों, सामरिक प्रकाशनों तथा नौसैनिक क्षमता-विकास में रूपांतरित करने में मार्गदर्शन प्रदान करता है।’’
इसमें कहा गया है कि नये संस्करण में पिछले एक दशक में भारत के समुद्री परिवेश में आए बदलावों को शामिल किया गया है और महासागरों को ‘विकसित भारत 2047’ के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उपयोग करने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण को समाहित किया गया है।
नौसेना ने कहा कि इसमें प्रतिद्वंद्वियों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों की उन्नत समझ को शामिल किया गया है।
उसने कहा, ‘‘संशोधित सिद्धांत अंतरिक्ष, साइबर और संज्ञानात्मक क्षेत्रों के बढ़ते महत्व को भी स्वीकार करता है तथा मानव रहित प्रणालियों, स्वायत्त मंचों और उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण पर जोर देता है।’’
नौसेना ने कहा, ‘‘इसके अलावा, यह तीनों सेनाओं के संयुक्त सिद्धांतों के अनुरूप समेकन को प्राथमिकता देता है, ताकि सशस्त्र बलों के बीच पारस्परिक अभियानगत क्षमता सुनिश्चित की जा सके।’’
भाषा सिम्मी पारुल
पारुल

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