सिनेमा को अब भारतीय माना जाता है, उत्तर या दक्षिण भारत की फिल्म नहीं: मणिरत्नम |

सिनेमा को अब भारतीय माना जाता है, उत्तर या दक्षिण भारत की फिल्म नहीं: मणिरत्नम

सिनेमा को अब भारतीय माना जाता है, उत्तर या दक्षिण भारत की फिल्म नहीं: मणिरत्नम

:   Modified Date:  April 26, 2023 / 07:01 PM IST, Published Date : April 26, 2023/7:01 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) हिंदी भाषी क्षेत्रों में दक्षिण भारतीय सिनेमा की बढ़ती लोकप्रियता को एक ‘रिटर्न गिफ्ट’ करार देते हुए फिल्मकार मणिरत्नम ने कहा कि अच्छा है कि अब फिल्मों को ‘उत्तर या दक्षिण का या हिंदी फिल्म’ नहीं बताया जाता, बल्कि इन्हें भारतीय माना जाता है।

मणिरत्नम ज्यादातार तमिल फिल्म का निर्देशन करते हैं, लेकिन उन्होंने तेलुगू और मलयालम सहित हिंदी में भी फिल्म बनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में दर्शक भाषा के आधार पर फिल्म का वर्गीकरण करना बंद कर देंगे।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘वर्षों से, भारत हिंदी में फिल्म बना रहा है और उनमें से कई फिल्म दक्षिण भारत में भी सराही गई। राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की ‘आराधना’ वहां एक बड़ी हिट फिल्म थी तथा ऐसी और भी कई फिल्म रही है। मुझे लगता है कि यह केवल एक रिटर्न गिफ्ट है।’

मणिरत्नम ने कहा, ‘यह एक अच्छा संकेत है कि आप भारत में किसी भी भाषा में फिल्म बना सकते हैं और यह एक भारतीय फिल्म हो जाएगी। जरूरी नहीं कि यह उत्तर, दक्षिण भारतीय फिल्म या हिंदी फिल्म हो। मुझे लगता है कि लोग अधिक विविध हो गए हैं। इससे फिल्मों में विविधता आएगी और इनका स्तर भी बेहतर होगा।’’

मणिरत्नम ने हाल में एसएस राजामौली की प्रशंसा करते हुए कहा था कि ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ के बगैर ‘पोन्नियिन सेलवन’ बना पाना संभव नहीं होता।

भाषा साजन सुभाष

सुभाष

 

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