नागरिक-केंद्रित शासन सुधार, अनुपयोगी वस्तुओं से धन सृजन कार्मिक मंत्रालय की 2025 की प्रमुख पहलें
नागरिक-केंद्रित शासन सुधार, अनुपयोगी वस्तुओं से धन सृजन कार्मिक मंत्रालय की 2025 की प्रमुख पहलें
(अश्विनी श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) वर्ष 2025 में कार्मिक मंत्रालय ने शासन को और मजबूत करने के लिए नागरिक-केंद्रित सुधार, राष्ट्रव्यापी रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण प्रगति की और एक विशेष स्वच्छता अभियान भी संचालित किया जिसके माध्यम से केंद्र सरकार को 800 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
इस मंत्रालय पर केंद्र सरकार के कार्यबल के प्रबंधन और कार्मिक मामलों पर नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है। मंत्रालय ने इस वर्ष ‘नॉर्थ ब्लॉक’ से ‘कर्तव्य भवन-3’ कार्यालय में अपना कामकाज स्थानांतरित कर दिया। यह कदम अंतर-विभागीय समन्वय को और बेहतर बनाने, अंतर-विभागीय परामर्श में लगने वाले समय को कम करने और बेहतर बुनियादी ढांचे के माध्यम से कार्यालय के काम की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में मंत्रालय की वर्ष भर की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया, साथ ही 2026 के लिए मंत्रालय की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी के लिए शासन में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय नागरिक-केंद्रित कार्यों पर ही प्रमुख ध्यान देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्मिक मंत्रालय सुधारों में तेजी लाने के लिए ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ के सिद्धांत का पालन कर रहा है। ऑनलाइन मंच सीपीग्राम्स (केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली) के माध्यम से उठाई गई सार्वजनिक शिकायतों के निवारण पर विशेष जोर दिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस साल अब तक 21 लाख से अधिक ऐसी शिकायतों का निवारण किया जा चुका है’’ और नए साल में भी यह गति जारी रहेगी।
सिंह ने कहा कि कार्मिक मंत्रालय के अधीन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा हाल ही में संपन्न विशेष स्वच्छता अभियान को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, क्योंकि इसने न केवल ‘स्वच्छता’ सुनिश्चित हुई, बल्कि कबाड़ या अनुपयोगी वस्तुओं की बिक्री से सरकारी खजाने के लिए राजस्व उत्पन्न करने में भी मदद की।
मंत्री ने बताया कि यह अभियान देश भर के 11.6 लाख कार्यालयों में संचालित किया गया, जिसके जरिए 233.75 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली कराया गया, 38.11 लाख फाइलों की समीक्षा की गई, 7.54 लाख शिकायतों का समाधान किया गया और कबाड़ निपटान से 824.07 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर, विशेष स्वच्छता अभियान 1.0 से 5.0 (2021-2025) से 4,120.79 करोड़ रुपये की आय हुई, 930.02 लाख वर्ग फुट जगह खाली हुई और 23.65 लाख केंद्रों पर 167.38 लाख फाइलें निपटाई गईं या बंद की गईं।
सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के उपयोग के बारे में जागरुकता पैदा करने संबंधी पहल पर भी प्रकाश डाला।
पेंशनभोगियों को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए हर साल जीवन प्रमाणपत्र जमा करना आवश्यक है। पहले, ये प्रमाणपत्र केवल भौतिक रूप में ही जमा करने पड़ते थे, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को अक्सर असुविधा होती थी। अब, यह काम डिजिटल रूप से भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक महीने तक जारी रहे विशेष अभियान के दौरान पेंशनभोगियों ने 1.5 करोड़ से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनवाए।’’
अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2025 में डिजिटल परिवर्तन से लेकर सिविल सेवाओं की क्षमता निर्माण, नागरिक-केंद्रित सेवाओं और राष्ट्रव्यापी रोजगार सृजन तक कई प्रकार के सुधार देखने को मिले।
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान विभाग की उपलब्धियां दक्षता, पारदर्शिता और सेवा उन्मुखी होने संबंधी सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाती हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार शासन के प्रति प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाती हैं।
अक्टूबर 2022 में राष्ट्रव्यापी स्तर पर शुरू की गई रोजगार मेला पहल केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों और केंद्र शासित प्रदेशों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य कर रही है।
मंत्रालय की ओर से हाल में जारी एक बयान के अनुसार, तीन साल की अवधि में इस अभियान के माध्यम से लगभग 11 लाख नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) जो कि विभाग का एक संबद्ध कार्यालय है ने 2025 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। अब आयोग पूरी तरह से एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज प्रणाली पर आधारित हो गया है, जिससे मंत्रालयों और विभागों को उम्मीदवारों के सत्यापित प्रमाणपत्र सीधे डाउनलोड करने की सुविधा मिल गई है। इससे पहले दस्तावेज भौतिक रूप से पेश किए जाते थे।
कार्मिक मंत्रालय ने ‘पेंशन अदालतों’ का भी आयोजन किया और कई शिकायतों का समाधान किया।
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा

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