देवघर: भारतीय जनता पार्टी की झारखंड इकाई की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक मंगलवार को ‘भ्रष्टाचार में डूबी हेमंत सरकार को हटाओ झारखंड बचाओ’ और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी चौदह सीटों पर जीत दर्ज करने के संकल्प के साथ संपन्न हो गयी। प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और प्रयास से राज्य में भाजपा के कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में चुन कर आये और गांव की सरकार बनाने में सफल हुए लेकिन अब एक तरफ राज्य की भ्रष्टाचार में डूबी हेमंत सरकार को सत्ता से बाहर करना है। उन्होंने कहा कि 14 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी चौदह सीटों को जीत कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झोली में डालना है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को लक्ष्य देते हुए कहा, ‘‘14 महीने बचे है और हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों को जीत कर प्रधानमंत्री मोदी को सौगात दें और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनायें।’’ प्रकाश ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से कोई भारत की ओर आंख नहीं उठा पाता हैं। राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इससे मुक्ति सिर्फ भाजपा दिला सकती है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओ से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य बड़ा है, हम देश सेवा के लिए काम कर रहे हैं।’’
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कार्यसमिति बैठक को सम्बोधित करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की नाकामियों एवं वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर बोलते हुए राज्य सरकार की नाकामियां गिनायीं और कहा कि झामुमो सरकार बनाने से पहले और बाद के, कोई वादे पूरा नहीं कर पायी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार ने सदन में घोषणा की थी कि युवाओं को पांच लाख नौकरी देगी, बेरोजगारों को पांच हज़ार और सात हज़ार रुपये बेरोजगारी भत्ता देगी, दो लाख किसानों का ऋण माफ करेगी, मुफ्त में बिजली देगी।
मरांडी ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में अलग से एक कमरा देने का वादा जनता से किया था, 25 करोड़ रुपये तक का टेंडर स्थानीय लोगों को देने का वादा किया था, गरीबों को पेट्रोल में 250 रुपये तक का अनुदान देने की बात कही थी तथा धान का क्रय समर्थन मूल्य 2300 से लेकर रुपये 2700 प्रति क्विंटल करने का वादा भी किया था लेकिन इनमें से वह कुछ भी पूरा करने में विफल साबित हुई है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है और आदिवासी तथा दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न और अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। मरांठी ने 1932 के खतियान और ओबोसी का आरक्षण की बात करते हुए कहा कि इसे लागू करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में था लेकिन राज्य सरकार ने अपनी अकर्मण्यता के कारण इसे केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इसे लागू ही नही करना चाहती है।
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