CJI Gavai Attack News: सीजेआई बीआर गवई की दरियादिली.. जूता उछालने वाले वकील को किया माफ़, बार काउंसिल ने रद्द किया वकालत का लाइसेंस..
यह घटना सीजेआई बीआर गवई की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विवाद छिड़ गया था।
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- सीजेआई ने वकील को किया माफ
- बार काउंसिल ने किया निलंबित
- खजुराहो टिप्पणी से था वकील नाराज़
CJI Gavai Attack News: नई दिल्ली: सोमवार को नई दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायलय के कोर्टरूम में एक हैरान करने वाला घटनाक्रम देखने को मिला। सुनवाई के दौरान एक सत्तर साल के वकील ने सीजेआई की तरफ अपना जूता उछाल दिया और सनातन से जुड़े नारेबाजी की। हालांकि इस घटना के फ़ौरन बाद वहां मौजूद दूसरे वकीलों ने आरोपी वकील को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया है कि, सत्तर साल के आरोपी वकील राकेश किशोर खजुराहो के मंदिरों से संबंधित सीजेआई की टिप्पणियों से नाराज़ थे। एक पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया, “वह अपने साथ एक कागज भी लाया था जिसमें उसने लिखा था ‘सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’।” मामले की शुरुआती जांच और पूछताछ दिल्ली के दो डीसीपी स्तर के अधिकारी कर रहे है।
कोर्ट कार्यवाही के दौरान CJI पर सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान नारा लगाते हुए हमले की कोशिश
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया बी.आर. गवई पर हमला करने की कोशिश की। वह “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” नारा लगाते हुए कोर्टरूम में… pic.twitter.com/SuHUd00WKv
— LiveLaw Hindi (@LivelawH) October 6, 2025
सीजेआई ने किया आरोपी को माफ़, प्रैक्टिस से निलंबित
हालांकि इसके बाद चीफ जस्टिस बीआर गवई ने दरियादिली दिखाई और सीजेआई गवई कहने पर पुलिस ने आरोपी वकील को करीब तीन घंटे की पूछताछ के बाद रिहा कर दिया। आरोपी के जूते और सामन भी उसे वापस लौटा दिए गये है। उनके खिलाफ कोई चार्ज भी नहीं लगाया जाएगा। हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आरोपी वकील राकेश किशोर को प्रैक्टिस से निलंबित कर दिया है। इसका विधिवत आदेश भी जारी कर दिया गया है।
#BREAKING| BCI suspends practice of Advocate Rakesh Kishore, who attempted to attack CJI BR Gavai today
The Council has also initiated disciplinary proceedings against Kishore #SupremeCourt #cjibrgavai pic.twitter.com/Pv4lvPYTaV
— Live Law (@LiveLawIndia) October 6, 2025
‘विचलित न हो कोई’ : सीजेआई गवई
CJI Gavai Attack News: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देते हुए कहा कि ऐसी बातों से उन पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने अदालत से सुनवाई जारी रखने का अनुरोध किया। उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा, “इन सब बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।”
पीएम मोदी ने की घटना की निंदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई से बात कर वकील द्वारा उन पर जूता फेंकने के प्रयास की निंदा की और कहा कि इस हमले से हर भारतीय नाराज है। उन्होंने कहा, “हमारे समाज में इस तरह के निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।” उन्होंने घटना के बाद शांति बनाए रखने के लिए गवई की प्रशंसा की।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर गवई जी से बात की। आज सुबह उच्चतम न्यायालय परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है। हमारे समाज में ऐसे भर्त्सनायोग्य कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह पूरी तरह से निंदनीय है।” उन्होंने कहा, “मैं ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की सराहना करता हूं। यह हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने तथा न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
Spoke to Chief Justice of India, Justice BR Gavai Ji. The attack on him earlier today in the Supreme Court premises has angered every Indian. There is no place for such reprehensible acts in our society. It is utterly condemnable.
I appreciated the calm displayed by Justice…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2025
क्या है खजुराहो मूर्ति विवाद?
दरअसल यह घटना सीजेआई बीआर गवई की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विवाद छिड़ गया था। सीजेआई ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि यह एक प्रचार याचिका है और जाइये भगवान से कहिये कि वह कुछ करें। आरोपी मुख्य न्यायधीश की इसी टिप्पणी से नाराज बताया जा रहा है।
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