CJi BR Gavai News: ‘किसी को भी कानून हाथ में लेकर..’, जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर भड़की CJI गवई की मां, बहन ​ने भी जताया विरोध

CJi BR Gavai News: 'किसी को भी कानून हाथ में लेकर..', जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर भड़की CJI गवई की मां, बहन ​ने भी जताया विरोध

CJi BR Gavai News: ‘किसी को भी कानून हाथ में लेकर..’, जूता फेंकने की कोशिश की घटना पर भड़की CJI गवई की मां, बहन ​ने भी जताया विरोध

CJi BR Gavai News | Photo Credit: IBC24

Modified Date: October 7, 2025 / 07:31 pm IST
Published Date: October 7, 2025 7:31 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने CJI की ओर जूता फेंका
  • आरोपी को मौके पर ही वकीलों ने पकड़ा
  • पुलिस ने हिरासत में लिया

नई दिल्ली: CJi BR Gavai News सोमवार को नई दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायलय के कोर्टरूम में एक हैरान करने वाला घटनाक्रम देखने को मिला। सुनवाई के दौरान एक सत्तर साल के वकील ने सीजेआई की तरफ अपना जूता उछाल दिया और सनातन से जुड़े नारेबाजी की। हालांकि इस घटना के फ़ौरन बाद वहां मौजूद दूसरे वकीलों ने आरोपी वकील को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

CJi BR Gavai News इस घटना को लेकर अब मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई की मां कमलताई गवई और बहन ​कीर्ति अर्जुन गवई ने इसका विरोध किया है। कमलताई गवई ने कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिया गया संविधान ‘आप जिएं और दूसरों को भी जीने दें’ के सिद्धांत पर आधारित है। किसी को भी कानून हाथ में लेकर अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं है। सभी को अपने मुद्दे शांति और संवैधानिक मार्ग से ही सुलझाने चाहिए।”

वहीं बहन कीर्ति गवई ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘कल की घटना देश पर कलंक लगाने वाली और निंदनीय है। यह केवल व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि एक जहरीली विचारधारा है, जिसे रोकना ही होगा। असंवैधानिक आचरण करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमें संविधान के स्तर पर और शांतिपूर्ण तरीके से ही विरोध दर्ज करना चाहिए ताकि बाबासाहेब के विचारों को कोई आंच न आए।’

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क्या है खजुराहो मूर्ति विवाद?

दरअसल यह घटना सीजेआई बीआर गवई की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विवाद छिड़ गया था। सीजेआई ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि यह एक प्रचार याचिका है और जाइये भगवान से कहिये कि वह कुछ करें। आरोपी मुख्य न्यायधीश की इसी टिप्पणी से नाराज बताया जा रहा है।

 


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