उच्च प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने की ओमीक्रोन की क्षमता के समर्थन में स्पष्ट आंकड़े: इनसाकॉग
उच्च प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने की ओमीक्रोन की क्षमता के समर्थन में स्पष्ट आंकड़े: इनसाकॉग
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ ‘इनसाकॉग’ ने वैश्विक आंकड़ों के हवाले से अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा है कि अब ओमीक्रोन की बहुत उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता के समर्थन में स्पष्ट प्रयोगात्मक और क्लीनिकल आंकड़े हैं, लेकिन प्रारंभिक अनुमान बीमारी की गंभीरता को महामारी की पिछली लहरों की तुलना में कम आंकते हैं।
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इनसाकॉग ने वैश्विक रूप से वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के खिलाफ टीकों या पूर्व में हो चुके संक्रमण की कम क्षमता को संज्ञान में लेते हुए कहा कि भारत में ओमीक्रोन पर निगरानी के लिए समुचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अध्ययन किये जा रहे हैं।
इनसाकॉग ने बुधवार को जारी अपने बुलेटिन में कहा, ‘‘वायरस का डेल्टा स्वरूप जहां दुनियाभर में सबसे ज्यादा फैलने वाला चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) है, वहीं दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन ने प्रकोप के मामले में डेल्टा को पीछे छोड़ दिया है और ब्रिटेन तथा अन्य जगहों पर भी सर्वाधिक प्रभाव वाला स्वरूप बनने की राह पर है।’’
उसने वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ओमीक्रोन के उच्च प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने के समर्थन में अब स्पष्ट प्रायोगिक और क्लीनिकल आंकड़े हैं।
इनसाकॉग ने कहा, ‘‘हालांकि बीमारी की गंभीरता के प्रारंभिक आकलन पिछले प्रकोपों की तुलना में इसे कमतर आंकते हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये शुरुआती धारणाएं पुराने गैर-प्रतिरक्षा संबंधी विषयों के लिए सामान्य हैं या नहीं और खतरे का स्तर अब भी अधिक समझा जा रहा है।’’
भारत में अभी तक कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 781 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 241 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 21 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं।
भाषा वैभव उमा
उमा

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