नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े मामले में दोषी ठहराए गए राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य को 26 जुलाई को सज़ा सुनाएगी।
विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के साथ-साथ दोषियों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह कोयला घोटाले में 13वीं दोषसिद्धि है। इस घोटाले ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार को हिलाकर रख दिया था। अदालत ने 13 जुलाई को दर्डा, गुप्ता समेत सात आरोपियों को आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी के तहत दंडनीय) और धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया था।
अदालत ने दर्डा के बेटे देवेंद्र दर्डा, दो वरिष्ठ लोक सेवकों केएस क्रोफा और केसी सामरिया, एम/एस जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जयासवाल को भी दोषी ठहराया था।
सजा की अवधि पर बहस के दौरान, सीबीआई ने अधिकतम सजा की मांग करते हुए दावा किया कि विजय दर्डा और उनके बेटे देवेंद्र दर्डा ने जांच को प्रभावित करने के लिए सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उच्चतम न्यायालय ने कोयला घोटाले से जुड़े मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोपों को लेकर सिन्हा की भूमिका की छानबीन करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक ए.पी. सिंह ने दावा किया कि मामले में एक गवाह ने कहा कि उसे जायसवाल ने धमकी दी थी और उसके खिलाफ गवाही न देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की थी।
दोषी व्यक्तियों को अधिकतम सात साल की जेल की सजा हो सकती है।
अदालत ने 20 नवंबर 2014 को मामले में सीबीआई द्वारा दायर की गई ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और संघीय जांच एजेंसी को मामले की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया था और कहा था कि पूर्व सांसद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया था। मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय का प्रभार था।
अदालत ने कहा कि लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के लिए छत्तीसगढ़ के फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक को हासिल करने के लिए ऐसा किया था।
लोकमत समूह महाराष्ट्र में स्थित है और मीडिया कंपनी है।
भाषा नोमान नरेश
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