संवैधानिक रूप से पारित कानून की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ देश के लिए खतरनाक: नकवी

संवैधानिक रूप से पारित कानून की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ देश के लिए खतरनाक: नकवी

संवैधानिक रूप से पारित कानून की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ देश के लिए खतरनाक: नकवी
Modified Date: April 21, 2025 / 08:36 pm IST
Published Date: April 21, 2025 8:36 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध करने वाले संगठनों और राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि संवैधानिक रूप से पारित कानून की ‘‘साम्प्रदायिक लिंचिंग’’ की साज़िश मुल्क और मज़हब दोनों के लिए खतरनाक है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि अधिनियम को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं, वो कोरी कल्पना पर आधारित हैं।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘संवैधानिक रूप से पारित कानून की ‘‘साम्प्रदायिक लिंचिंग’’ की साज़िश मुल्क और मज़हब दोनों के लिए खतरनाक है।’’

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उन्होंने कहा कि देश के कानून में मज़हब के आधार पर ‘इंट्री-नो इंट्री’ का बोर्ड नहीं लगाया जा सकता।

नकवी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘वक़्फ (संशोधन) क़ानून, मुल्क का कानून है, किसी मज़हब का नहीं। संसद का कानून था, संसद ने ही इसमें सुधार किया है।’’

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप


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