अरुणाचल में ‘फ्रंटियर हाईवे’ की प्रगति को प्रभावित कर रही है ‘मुआवजे की बीमारी’: रीजीजू

अरुणाचल में ‘फ्रंटियर हाईवे’ की प्रगति को प्रभावित कर रही है 'मुआवजे की बीमारी': रीजीजू

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Modified Date: June 10, 2025 / 09:11 PM IST
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Published Date: June 10, 2025 9:11 pm IST

ईटानगर, 10 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में महत्वाकांक्षी ‘फ्रंटियर हाईवे’ (सीमांत राजमार्ग) परियोजना में देरी के कथित प्रयासों पर चिंता व्यक्त की और दावा किया कि ‘मुआवजे की बीमारी’ ने राज्य के लोगों के एक वर्ग को प्रभावित किया है।

अरुणाचल ‘फ्रंटियर हाईवे’ 1,748 किलोमीटर लंबी सड़क है जो पश्चिम में बोमडिला से पूर्व में विजयनगर तक फैली होगी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समानांतर चलेगी। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए ‘पासा पलटने वाली’ मानी जाने वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 42,000 करोड़ रुपये है।

रीजीजू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में कहा कि वह (रीजीजू) इस परियोजना को लेकर एक ओर दुखी हैं, तो दूसरी ओर खुश भी।

उन्होंने कहा, ‘‘खुश इसलिए क्योंकि यह राज्य के लिए लंबे समय से संजोये सपने को दर्शाता है और दुखी इसलिए क्योंकि कुछ निहित स्वार्थी तत्व मुआवजे के नाम पर इसमें देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

अल्पसंख्यक मामलों एवं संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा,, ‘‘फ्रंटियर हाईवे देश की सबसे बड़ी सड़क परियोजना है, जिसका कुल व्यय 42,000 करोड़ रुपये है। दशकों से उपेक्षित सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने के लिए यह हमारा ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है।’’

अरुणाचल पश्चिम के सांसद ने कहा कि मोदी ने परियोजना के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित करते हुए राजमार्ग के शीघ्र पूरा होने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी जगहों पर राजमार्ग बनेगा, जहां केवल कुलियों के आने-जाने लायक पटरियां थीं। यह गेम चेंजर है।’’

हालांकि, मंत्री ने बाधाओं को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समाज में सबसे बड़ी बीमारी मुआवजा है। परियोजना को मंजूरी देने के बाद, भूमि अधिकारी स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर भारी मुआवजा लेने के लिए संरेखण बदलने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

इसे ‘कैंसरकारी प्रथा’ करार देते हुए रीजीजू ने चेतावनी दी कि सरकार इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आसानी से पैसा कमाने के लिए लोगों का एक वर्ग इस दूरदर्शी परियोजना को खतरे में डालने पर तुला हुआ है। हम योजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कुछ लोग निजी लाभ के लिए उनमें देरी कराने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आप वास्तव में कमाना चाहते हैं, तो सामान्य काम करें।’’

रीजीजू ने कहा कि उन्होंने परियोजना का समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री पेमा खांडू और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना केवल यातायात संपर्क के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विकास अंतिम गांव तक पहुंचे। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन रोकना है।’’

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)