नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक से पहले, कॉलेज शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए प्रस्तावित एक समान नीति पर कार्यकारी और शैक्षणिक परिषदों के सदस्यों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है।
प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए 23 मई को होने वाली डीयू कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में रखा जाएगा।
प्रस्तावित समान नीति का उद्देश्य संकाय वरिष्ठता, खासकर सहायक प्रोफेसरों (स्तर 10) के बीच वरिष्ठता निर्धारित करने में लंबे समय से चली आ रही अस्पष्टताओं को दूर करके पदोन्नति और नियुक्तियों को सुव्यवस्थित करना है।
जुलाई 2024 में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने इस नीति की सिफारिश की है।
इस समिति में कॉलेज प्राचार्य, ईसी सदस्य और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों के प्रतिनिधि शामिल थे। अपनी अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत करने से पहले इसने जुलाई 2024 और अप्रैल 2025 के बीच पांच बैठकें कीं।
प्रस्तावित नीति के अनुसार, जिस विभाग में नियुक्तियां पहले हुई हैं, उसे अन्य विभागों की तुलना में वरिष्ठ माना जाएगा।
डीयू अकादमिक परिषद और नीति तैयार करने वाली समिति की सदस्य प्रोफेसर माया जॉन ने इस पर गंभीर चिंता जताई है।
कुलपति योगेश सिंह की अध्यक्षता वाली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक संस्था डीयू कार्यकारी परिषद 23 मई को प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेगी।
भाषा नोमान रंजन
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