कांग्रेस की सीईसी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर चर्चा की

कांग्रेस की सीईसी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर चर्चा की

कांग्रेस की सीईसी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर चर्चा की
Modified Date: October 13, 2023 / 02:17 pm IST
Published Date: October 13, 2023 2:17 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर शनिवार को चर्चा की।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई सीईसी की बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीईसी के अन्य सदस्य, पार्टी महासचिव एवं मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और कई अन्य नेता शामिल हुए।

इससे पहले सात अक्टूबर को मध्य प्रदेश को लेकर सीईसी की बैठक हुई थी। उस बैठक में उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के साथ ही पार्टी ने यह भी तय किया था कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जाति आधारित जनगणना उसका मुख्य एजेंडा होगा।

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उस बैठक के बाद कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘अभी कोई फैसला नहीं हुआ। यह फैसला छह-सात दिनों में हम करेंगे। लगभग 140 सीट पर चर्चा हुई। सबके सुझाव सुनकर फिर बैठक बुलाएंगे और फैसला करेंगे।’’

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने पिछले महीने दो दिनों की बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया था।

प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अब तक 78 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। उसने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा पार्टी के कई अन्य सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थीं और गठबंधन सरकार बनाई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस चुनाव में 109 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों के एक गुट के विद्रोह के चलते कमलनाथ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और मार्च 2020 में उनके नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से बाद में भाजपा सत्ता में लौटी और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने।

भाषा हक

हक मनीषा

मनीषा


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