कांग्रेस ने नेहरू और सिंधु जल संधि पर जयशंकर की टिप्पणी को निंदनीय बताया

कांग्रेस ने नेहरू और सिंधु जल संधि पर जयशंकर की टिप्पणी को निंदनीय बताया

कांग्रेस ने नेहरू और सिंधु जल संधि पर जयशंकर की टिप्पणी को निंदनीय बताया
Modified Date: July 30, 2025 / 05:45 pm IST
Published Date: July 30, 2025 5:45 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर की उस टिप्पणी को ‘‘निंदनीय और चौंकाने वाली’’ करार दिया जिसमें उन्होंने सिंधु जल संधि को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया तुष्टीकरण बताया था।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री ने साबित कर दिया है कि उन्होंने पेशेवर होने का दिखावा करना भी छोड़ दिया है।

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान जयशंकर द्वारा दिये गए भाषण के बाद रमेश ने उन पर निशाना साधा।

 ⁠

जयशंकर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करके नेहरू की नीतियों की गलतियों को सुधारा है।

मंत्री ने कहा कि नेहरू द्वारा हस्ताक्षरित संधि शांति स्थापित करने के लिए नहीं, बल्कि तुष्टीकरण के लिए थी।

जयशंकर पर पलटवार करते हुए, रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एक ज़माने में विदेश मंत्री एक पेशेवर के रूप में जाने जाते थे। आज जयशंकर ने दिखा दिया कि उन्होंने पेशेवर होने का दिखावा भी छोड़ दिया है। आज राज्यसभा में नेहरू और सिंधु जल संधि पर उनकी टिप्पणी बिल्कुल चौंकाने वाली थी।’’

उन्होंने कहा कि जयशंकर ने जानबूझकर यह नहीं बताया कि तीन पूर्वी नदियां सतलुज, व्यास और रावी भारत के पास नहीं होतीं तो हरित क्रांति तथा भाखड़ा नांगल बांध वास्तविकता नहीं बन पाता।

रमेश का कहना है कि तीन पूर्वी नदियों के बिना, परिवर्तनकारी और लंबी राजस्थान नहर संभव नहीं होती और रावी-व्यास लिंक संभव नहीं होता।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि पाकिस्तान ने चिनाब और झेलम पर भारत के कानूनी अधिकार के उपयोग में बाधा डाली है। लेकिन भारत के पहले प्रधानमंत्री द्वारा सिंधु जल संधि को सांप्रदायिक तुष्टिकरण कहना ,जोकि आज विदेश मंत्री ने किया, बेहद निंदनीय है।’’

भाषा हक हक पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में