कानपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही
कानपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही
प्रयागराज (उप्र), आठ अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर नगर की जिला अदालत में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने और न्यायिक कार्य को पंगु बनाने के मामले में ‘कानपुर बार एसोसिएशन’ और ‘लॉयर्स एसोसिएशन कानपुर’ के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की है।
मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल, न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति के जे ठाकर और न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की पीठ ने कहा, “आप लोगों ने 16 मार्च, 2023 से अवैध हड़ताल करके अपने आचरण से न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप कर जानबूझ कर अदालत की अवमानना की है और कानपुर नगर में जिला न्यायाधीश के न्यायिक कार्य को पंगु बना दिया है।”
पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान ‘कानपुर बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी से पूछा कि हड़ताल क्यों वापस नहीं ली गई। इस पर त्रिपाठी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
इससे पूर्व, सात न्यायाधीशों की पीठ ने छह अप्रैल को दोनों एसोसिएशन के अधिकारियों को नोटिस जारी किए थे, जिसके आलोक में कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी और महासचिव अनुराग श्रीवास्तव, लॉयर्स एसोसिएशन कानपुर के महासचिव शरद कुमार शुक्ला और उपाध्यक्ष सर्वेश यादव अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने हड़ताल के एक वीडियो का संज्ञान लेते हुए कहा, “जिला न्यायालय द्वारा उपलब्ध कराए गए हड़ताल के वीडियो से पता चलता है कि प्रदर्शनकारी वकीलों ने जिला न्यायाधीश समेत संपूर्ण जिला न्याय व्यवस्था के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हुए नारेबाजी की।”
अदालत ने कहा, “इसके मद्देनजर हम पाते हैं कि इन लोगों ने अदालत के आदेश की जानबूझकर अवमानना की और न्याय व्यवस्था को पंगु बनाया।”
भाषा राजेंद्र सिम्मी
सिम्मी

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