अदालत ने आतंक वित्तपोषण मामले में हिजबुल प्रमुख के बेटों की याचिका खारिज की
अदालत ने आतंक वित्तपोषण मामले में हिजबुल प्रमुख के बेटों की याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों और अन्य पर आतंकी वित्तपोषण मामले में लगाए गए आरोपों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने अपील सुनवाई योग्य न होने के आधार पर खारिज कर दीं।
विस्तृत निर्णय का इंतजार है। आरोपियों ने 2021 में उनके खिलाफ आरोप तय करने संबंधी अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार, यह मामला पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों द्वारा हवाला चैनलों के माध्यम से जम्मू कश्मीर में धन हस्तांतरण से संबंधित है और इसकी साजिश भारत में मौजूद कुछ लोगों के साथ मिलकर रची गई जिसका उद्देश्य जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और उन्हें वित्त पोषित करना था।
सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ को अक्टूबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसके दूसरे बेटे सैयद अहमद शकील को 2011 में दर्ज आतंकी वित्तपोषण मामले में 30 अगस्त 2018 को एनआईए ने श्रीनगर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने कहा था कि यूसुफ को विदेश से हिजबुल मुजाहिदीन से धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।
एनआईए ने कहा कि शकील ने कथित तौर पर फरार आरोपी एजाज अहमद भट से ‘वेस्टर्न यूनियन’ के माध्यम से पैसे प्राप्त किए थे।
अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित सलाहुद्दीन, हिजबुल मुजाहिदीन का स्वघोषित कमांडर है।
भाषा शोभना वैभव
वैभव

Facebook



