न्यायालय ने अस्वीकृत कोयले की अवैध बिक्री की आरोपी निजी कंपनी के खिलाफ लगे आरोपों को निरस्त किया
न्यायालय ने अस्वीकृत कोयले की अवैध बिक्री की आरोपी निजी कंपनी के खिलाफ लगे आरोपों को निरस्त किया
नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक स्थित उस निजी कंपनी के खिलाफ आरोप तय करने संबंधी दिल्ली की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया, जिस पर एक अन्य कंपनी के माध्यम से अस्वीकृत कोयले की अवैध बिक्री में सहयोग करने का आरोप था।
अदालत ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने संबंधित मामले से इतर जांच शुरू की।
कोयला खदानों के विकास और केपीसीएल के तापीय ऊर्जा संयंत्र (बेल्लारी तापीय ऊर्जा केंद्र) को कोयले की आपूर्ति के लिए 25 साल की अवधि के लिए कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) और मेसर्स ईस्टर्न मिनरल एंड ट्रेडिंग एजेंसी (ईएमटीए) के बीच एक संयुक्त उद्यम समझौता निष्पादित किया गया था।
केपीसीएल को बेल्लारी तापीय ऊर्जा केंद्र (बीटीपीएस) को समर्पित कोयला खदानों के विकास और संचालन के लिए केंद्र द्वारा महाराष्ट्र में तीन कोयला खदान आवंटित की गई थीं।
यह आरोप लगाया गया था कि ईएमटीए ने जीसीडब्ल्यूएल (मैसर्स गुप्ता कोलफील्ड्स एंड वॉशरीज लिमिटेड) द्वारा कोयले की धुलाई के दौरान उत्पन्न अस्वीकृत कोयले की अवैध बिक्री को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से एक आपराधिक साजिश रची और 53.37 करोड़ रुपये का अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त किया।
दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने तीन मार्च, 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, विश्वासघात और अन्य अपराधों के तहत आरोप तय किए थे।
पीठ ने ‘स्पष्ट’ कमियों का हवाला देते हुए ईएमटीए और उसके अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द कर दिया।
भाषा संतोष देवेंद्र
देवेंद्र

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