दीपक कोचर की निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने संबंधी अर्जी पर अदालत का सुनवायी से इनकार | Court refuses to hear Deepak Kochhar's application for transfer to private hospital

दीपक कोचर की निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने संबंधी अर्जी पर अदालत का सुनवायी से इनकार

दीपक कोचर की निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने संबंधी अर्जी पर अदालत का सुनवायी से इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : September 17, 2020/2:50 pm IST

नयी दिल्ली, 17 सितम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक वीरेंद्र कोचर की उस याचिका पर सुनवायी करने से बृहस्पतिचार को इनकार कर दिया जिसमें अनुरोध किया गया था कि उन्हें इलाज के लिए यहां या गुरुग्राम स्थित किसी निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए क्योंकि वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गए हैं और उन्हें अन्य बीमारिया भी हैं।

कोचर वर्तमान में हरियाणा के झज्जर में एम्स द्वारा संचालित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में भर्ती हैं। कोचर चाहते हैं कि उन्हें गुरुग्राम में मेंदांता अस्पताल या मैक्स अस्पताल या यहां सर गंगाराम अस्पताल अथवा अन्य किसी निजी अस्पताल के निजी वार्ड में उनके खर्च पर स्थातांतरित किया जाए।

न्यायमूर्ति ए जे भंभानी ने यह कहते हुए इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया कि कोचर वर्तमान में मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं और इसलिए, उच्च न्यायालय उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित नहीं कर सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोचर को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन धनशोधन मामले की जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सात सितंबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा कि उसे उन्हें उनके अपने खर्च पर इलाज के लिए किसी अस्पताल में स्थानांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

ईडी के वकील ने कहा कि एकमात्र समस्या यह है कि वह वर्तमान में मुंबई की अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं जिसे उन्हें स्थानांतरित करने के लिए आदेश पारित करना होगा।

कोचर के लिए पेश हुए वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल कोविड -19 से संक्रमित हैं क्योंकि वह तब चाणक्यपुरी पुलिस थाने में एक पुलिस सेल में बंद थे जब ईडी उनसे पूछताछ नहीं कर रही थी और उसके बाद उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जिसने उन्हें एनसीआई, झज्जर भेज दिया।

उन्होंने कहा कि अगर उन्हें एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया जा सकता है और फिर मुंबई की अदालत की अनुमति के बिना एनसीआई, झज्जर में स्थानांतरित किया जा सकता है, तो उन्हें एक निजी अस्पताल में भी स्थानांतरित किया जा सकता है।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को मुंबई में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ ईसीआईआर (प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट) दिल्ली में दर्ज की गई थी।

न्यायमूर्ति भंभानी हालांकि उनकी दलील से सहमत नहीं हुए और कहा कि ‘‘यदि ईडी ने गलती की तो मैं आपको स्थानांतरित करके उसे जारी नहीं रख सकता।’’

उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया कि याचिका वापस ले ली जाए और मुंबई की अदालत में दायर की जाए।

इसके बाद, अग्रवाल ने कहा कि वह ईडी के रुख को देखते हुए याचिका वापस ले लेंगे।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिका वापस ली हुई मानकर खारिज की जाती है।’’

भाषा

अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)