Covaxin से ज्यादा एंटीबॉडी बनाती है Covishield की पहली डोज, ICMR प्रमुख ने किया चौंकाने वाला दावा

Covaxin से ज्यादा एंटीबॉडी बनाती है Covishield की पहली डोज, ICMR प्रमुख ने किया चौंकाने वाला दावा

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  • Publish Date - May 22, 2021 / 08:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना का खात्मा सिर्फ और सिर्फ वैक्सीन से ही होगा। इसे लेकर देश में टीकाकरण अभियान जारी है। बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच देश में कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड वैक्‍सीन लगाई जा रही है। 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी डा. बलराम भार्गव ने भारत में लगाई जा रही दोनों टीके के लेकर बड़ा बयान दिया है।

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड द्वारा बनने वाली एंटीबॉडी को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। कहा है ‘कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोवैक्सीन की पहली डोज के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनती है।

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आईसीएमआर की ‘नई स्टडी में सामने आया है कि कोवैक्‍सीन की पहली डोज लेने के बाद ज्यादा एंटीबॉडी नहीं बनती, बल्कि दूसरी डोज पर्याप्त एंटीबॉडी बनाती है। वहीं कोविशील्‍ड की पहली डोज लेने के बाद ही इससे अच्छी संख्या में एंटीबॉडी बन जाती हैं।

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यह भी जानें
बताते चले कि आईसीएमआर ने हाल ही में कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12-18 सप्ताह कर दिया गया है। क्योंकि पहली खुराक में मजबूत एंटीबॉडी विकसित हुई है। वहीं कोवैक्‍सीन को लगाने के लिए चार सप्ताह के अंतर को नहीं बदला गया है। कोविशील्ड के लिए 3 महीने के अंतराल को अनिवार्य करने के सरकार के फैसले के बारे में बताते हुए डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि पहले शॉट के बाद प्रतिरक्षा काफी मजबूत पाई गई थी और तीन महीने का अंतराल बेहतरीन परिणाम देगा।

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