Criminal Code Bills Latest Update

Criminal Code Bills : मोदी सरकार ने बदले अंग्रेजों के जमाने के कानून, जानें अब किस आरोप में मिलेगी कौन-सी सजा..

मोदी सरकार ने बदले अंग्रेजों के जमाने के कानून!Criminal Code Bills Latest Update/Lok Sabha Winter Session 2023

Edited By :   Modified Date:  December 20, 2023 / 08:28 PM IST, Published Date : December 20, 2023/8:28 pm IST

Criminal Code Bills : नई दिल्ली। लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा हो रही है। इसे पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) ने कहा कि मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव कर रही है। आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गहन विचार किया।

 

Criminal Code Bills : अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। इससे यह बात साफ होती है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया। अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।

read more : Maharashtra Assembly Winter Session : महाराष्ट्र में पिछले सात ​महीनों में हुई 4872 शिशुओं की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में प्रस्तुत किए चौंकाने वाले आंकड़े.. 

नाबालिग से दुष्कर्म करने पर अब फांसी की सजा

सदन में अमित शाह ने दुष्कर्म पर कानून बदलाव में कहा कि अब उम्र के दायरे में रहकर आरोपियों को सजा दी जाएगी। अमित शाह ने कहा कि अगर अब नाबालिग जिसकी उम्र 18 साल से कम होगी अगर उसके साथ दुष्कर्म किया जाता है तो आरोपी को उम्रकैद या फिर फांसी की सजा दी जाएगी। तो वहीं हिट एंड रन में 10 साल की सजा मिलेगी। मॉब चिलिंग में फांसी की सजा होगी। रेप के दोषी को अब 20 साल की सजा होगी। साइबर, आर्थिक, डकैती में भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। सशस्त्र विद्रोह पर जेल होगी।

 

आतंकियों की अब सीधा जेल भेजा जाएगा। राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह कानून माना जाएगा। व्यक्ति के खिलाफ बोलने पर जेल नहीं होगी। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा और कार्रवाई की जाएगी। आतंकवाद कृत्य के लिए कड़ी सजा के प्रावधान होंगे। सरकार के खिलाफ बोलना गुनाह नहीं होगा। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।”

 

इन कानूनों में हुआ बदलाव

  • – नस्ल, जाति, समुदाय के आधार पर की गई हत्या संबंधित अपराध का नया प्रावधान जोड़ा गया है।
  • -मॉल लिंचिंग की घटनाओं में आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का भी प्रावधान है।
  • नई न्याय सहिंता में सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है।
  • – राजद्रोह कानून को पूरी तरह से निरस्त किया गया है।
  • -मृत्युदंड की सजा को भी आजीवन कारावास में बदला जा सकेगा।
  • -आजीवन कारावास को 7 साल तक की सजा में बदला जा सकेगा।

 

  • -गैंग रेप के मामलों में अब 20 साल की सजा का या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान
  • – 18 साल से कम आयु की बच्चियों के मामले में आजीवन कारावास और मौत की सजा
  • -झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा।
  • -यौन हिंसा मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही रिकॉर्ड करेगी।
  • -पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला अधिकारी के सामने दर्ज करना होगा।
  • -बयान रिकॉर्ड करते समय पीड़िता के माता-पिता या अभिभावक साथ रह सकते हैं।

 

  • -एफआईआर से लेकर जजमेंट तक सब कुछ डिजिटलाइज होगा
  • -जांच-पड़ताल से लेकर मुकदमे के साक्ष्यों तक की होगी रिकार्डिंग
  • -पुलिस द्वारा सर्च और जब्ती की कार्यवाही में होगा टेक्नोलॉजी का उपयोग
  • – इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी तरह का डिजिटल रिकॉर्ड दस्तावेज माना जाएगा
  • -7 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक अनिवार्य।
  • -सभी राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में फोरेंसिक का इस्तेमाल होगा जरूरी।
  • -5 वर्ष के भीतर राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तैयार।
  • -किसी भी थाने में दर्ज हो सकेगी ‘जीरो एफआईआर’।
  • -ई- एफआईआर के लिए जोड़े गए नए प्रावधान।
  • -90 दिन में पुलिस अधिकारी को देनी होगी जांच की प्रगति की सूचना।

 

  • -10 वर्ष या उससे अधिक, आजीवन एवं मृत्युदंड के दोषी अब प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किए जा सकेंगे।
  • -घोषित अपराधियों की भारत से बाहर की संपत्ति को जब्त करने के लिए लाया गया नया प्रावधान।
  • -संगठित अपराध से संबंधित नई दांडिक धारा जोड़ी गई
  • -सिंडिकेट की विधिविरुद्ध गतिविधि को बनाया गया दंडनीय
  • -भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ कृत्य को नए प्रावधानों को जोड़ा गया
  • -80 सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक कृत्यों, अलगाववादी गतिविधियों को इसमें शामिल किया गया
  • अब आरोपी को बरी करने के लिए याचिका दायर करने के लिए सात दिन मिलेंगे… जज को उन सात दिनों में और अधिकतम 120 दिनों में मामले की सुनवाई करनी होगी सुनवाई होगी।
  • पहले प्ली बार्गेनिंग के लिए कोई समय सीमा नहीं थी। अब अगर कोई अपराध के 30 दिनों के भीतर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो सजा कम होगी।
  • सुनवाई के दौरान दस्तावेज पेश करने का कोई प्रावधान नहीं था। अब 30 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसमें कोई देरी नहीं की जाएगी।
  • छोटे-मोटे अपराधिक मामलों में समरी ट्रायल से लाई जाएगी तेजी
  • चोरी-चकारी, आपराधिक धमकी जैसे मामलों में समरी ट्रायल होगा जरुरी
  • 3 साल तक की सजा वाले मामलों में मजिस्ट्रेट कर सकते हैं समरी ट्रायल
  • ट्रायल इन एब्सेंटिया का प्रावधान लाया गया है। (वे लोग जो दूसरे देशों में छुपे हुए हैं और ट्रायल कर रहे हैं।) उन्हें अब यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा… उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा।

 

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें