कर्नाटक में बुनियादी अवसंरचना पर करोड़ों रुपये खर्च, परिणाम शून्य: विपक्ष का आरोप

कर्नाटक में बुनियादी अवसंरचना पर करोड़ों रुपये खर्च, परिणाम शून्य: विपक्ष का आरोप

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Modified Date: May 19, 2025 / 04:06 PM IST
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Published Date: May 19, 2025 4:06 pm IST

बेंगलुरु, 19 मई (भाषा) कर्नाटक में विपक्ष ने बारिश के बाद बेंगलुरु शहर में कई जगहों पर जलभराव होने से दिक्कतों को लेकर सोमवार को राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि बुनियादी अवसंरचना पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद भी नतीजा शून्य है।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं बेंगलुरु के प्रभारी डी. के. शिवकुमार ने कहा कि वह संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं और ‘‘स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।’’

कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं मल्लेश्वरम से विधायक सी.एन. अश्वथ नारायण ने शिवकुमार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘करोड़ों रुपये खर्च और परिणाम शून्य।’’

अश्वथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कल रात की बारिश ने बेंगलुरु की बुनियादी अवसंरचना को उजागर नहीं किया बल्कि बारिश ने डी. के. शिवकुमार के पिछले दो वर्षों के कुछ भी नहीं करने के रिकॉर्ड को उजागर किया है।’’

शिवकुमार ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि वह बेंगलुरु में लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं और स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा हूं। हमेशा की तरह मैं बेंगलुरु के लिए प्रतिबद्ध हूं – चुनौतियों का समाधान करने और राहत सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहा हूं। मैं जमीनी स्तर पर जायजा लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ‘वार रूम’ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करूंगा।’’

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने इससे पर सहमति जतायी कि बेंगलुरू के सामने जो समस्याएं हैं, वे नयी नहीं हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘हमें स्पष्ट होना चाहिए: आज हम जिन मुद्दों का सामना कर रहे हैं, वे नए नहीं हैं। सरकारों और प्रशासनों द्वारा वर्षों से उन्हें नजरअंदाज किया गया है। अब अंतर केवल यह है कि हम उन्हें हल करने के लिए काम कर रहे हैं।’’

शिवकुमार ने दोहराया कि वह बेंगलुरूवासियों के साथ खड़े हैं।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के महासचिव और करकला विधायक सुनील कुमार करकला ने ‘एक्स’ पर सरकार को चुनौती दी थी कि वह एक श्वेतपत्र जारी करे कि पिछले दो वर्षों में बेंगलुरु की बुनियादी अवसंरचना पर वास्तव में कितना खर्च किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक बार सिल्क बोर्ड आइए – आपको अपना वास्तविक योगदान पता चल जाएगा।’’

भाषा यासिर अमित

अमित

 

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