चक्रवात ‘दाना’: एनडीआरएफ ने पांच राज्यों में 56 टीम तैनात कीं

चक्रवात ‘दाना’: एनडीआरएफ ने पांच राज्यों में 56 टीम तैनात कीं

चक्रवात ‘दाना’: एनडीआरएफ ने पांच राज्यों में 56 टीम तैनात कीं
Modified Date: October 23, 2024 / 08:58 pm IST
Published Date: October 23, 2024 8:58 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने ‘दाना’ चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में कुल 56 टीम तैनात की हैं। चक्रवात के 24 और 25 अक्टूबर के बीच ओडिशा के तट पर पहुंचने का अनुमान है।

एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (संचालन) मोहसिन शाहेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन टीमों के पास खंभे और पेड़ काटने वाले उपकरण, नौकाएं, बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा और बाढ़ से बचाव के लिए अन्य उपकरण हैं।

बल के अधिकारी ने कहा, “आईएमडी और अन्य एजेंसियों के अनुमान के मद्देनजर हमारा ध्यान ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर है।”

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर राज्यों ने कुल 45 टीम मांगी थीं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कुल 56 टीम निर्धारित की हैं, जिनमें से 45 अभी सक्रिय रूप से तैनात हैं।

ओडिशा में 20 टीम हैं, जिनमें से एक रिजर्व में है, जबकि पश्चिम बंगाल में 17 में से 13 रिजर्व हैं। दूसरे अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ के अलावा संबंधित राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मी भी इन इलाकों में तैनात हैं।

एनडीआरएफ ने आंध्र प्रदेश और झारखंड में नौ-नौ जबकि छत्तीसगढ़ में एक टीम तैनात की है, क्योंकि बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात चक्रवात के आने के बाद इन राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

अधिकारी ने बताया कि बचाव दल, राज्य के बलों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर तटीय व प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाल रहे हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि चक्रवात के शुक्रवार सुबह लगभग 70 किलोमीटर दूर भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच पहुंचने का अनुमान है।

विभाग ने कहा कि चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया 24 अक्टूबर की रात से शुरू होकर 25 अक्टूबर की सुबह तक जारी रहेगी।

आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के पहुंचने के दौरान अधिकतम गति लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है।

अरबी में दाना का अर्थ ‘उदारता’ होता है और कतर ने क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण की मानक परंपरा के अनुसार इस चक्रवात का नाम चुना है।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश


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