नयी अधिवास नीति के लिए 1932 भूमि अभिलेखों का उपयोग करने का निर्णय लोगों द्वारा सराहा जा रहा : सोरेन |

नयी अधिवास नीति के लिए 1932 भूमि अभिलेखों का उपयोग करने का निर्णय लोगों द्वारा सराहा जा रहा : सोरेन

नयी अधिवास नीति के लिए 1932 भूमि अभिलेखों का उपयोग करने का निर्णय लोगों द्वारा सराहा जा रहा : सोरेन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : September 21, 2022/1:12 am IST

बरहेट, 20 सितंबर (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी सरकार के हाल में नयी अधिवास नीति के लिए 1932 भूमि अभिलेखों का उपयोग करने के फैसले से आम जनता खुश है।

बरहेट, साहिबगंज आदि इलाकों में आज आयोजित अनेक कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह दावा किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने का निर्णय सरकार ने बुधवार की मंत्रिमंडल की बैठक में लिया। इसकी रूपरेखा इस तरह तैयार की जा रही है कि जहां झारखण्ड में स्थानीय नीति को लेकर पूर्व की सरकारों में जनता विरोध प्रदर्शित करती थी वहीं आज जनमानस इसे खुशी-खुशी अपना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य की उलझी हुई व्यवस्था को सुलझाने का काम कर रही है।

भाषा इन्दु शफीक

शफीक

 

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