दिल्ली की अदालत ने ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए और समय दिया
दिल्ली की अदालत ने ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए और समय दिया
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक एवं प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को और 20 दिनों का वक्त दिया।
चीन के समर्थन में दुष्प्रचार करने के लिए समाचार पोर्टल द्वारा कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से 20 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल करने को कहा है। इससे पहले, जांच एजेंसी ने कहा कि इसे अपनी जांच पूरी करने के लिए और वक्त चाहिए क्योंकि यह अभी महत्वपूर्ण चरण में है।
अदालत ने 22 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने के लिए और 60 दिन दिये थे।
न्यायाधीश ने पुरकायस्थ और आरोपी एवं सरकारी गवाह बन चुके ‘न्यूजक्लिक’ के एचआर (मानव संसाधन) प्रमुख अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत भी 15 मार्च तक बढ़ा दी।
कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश ने पुलिस की लंबी जांच को लेकर नाखुशी जताई।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आपने पिछले 150 दिनों में क्या किया है? अगर आपने इन दिनों का ठीक से उपयोग किया होता तो आपको समय बढ़वाने की जरूरत नहीं पड़ती…इतनी बड़ी साजिश है, इतने लोग कथित रूप से शामिल हैं, और आपने केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पिछले 150 दिनों की जांच में आपने केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आपके पास लोगों के नाम हैं लेकिन आपने केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।’’
पुलिस ने अदालत को बताया कि उसने जांच करने के लिए ‘त्वरित कदम’ उठाए हैं और जांच के दौरान एकत्र किए गए डेटा की गहन जांच करने की जरूरत है।
जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत से कहा, ‘‘लगभग चार लाख ई-मेल और 100 से अधिक डिजिटल दस्तावेज हैं तथा एक आरोपी भारत से बाहर रह रहा है…कुछ लंबित प्रशासनिक कार्य को आरोपपत्र दाखिल करने से पहले पूरा करना होगा। हम साक्ष्यों को संकलित करने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।’’
न्यायाधीश ने अधिकारी से कहा, ‘‘आप (आईओ) कह रहे हैं कि आपके पास नाम हैं लेकिन इस दौरान उन्हें पता चल गया होगा कि उनके सह-षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, तो उन्होंने सबूत मिटा दिए होंगे। बचाव पक्ष के अनुसार, ईओडब्ल्यू (दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा) ने 2020 में जांच शुरू की थी।’’
जांच अधिकारी ने न्यायाधीश से कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि ईओडब्ल्यू ने क्या किया है, हम अपने पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर जांच कर रहे हैं… हम 29 फरवरी से केवल 30 दिन का समय मांग रहे हैं।’’
अदालत ने पुलिस द्वारा दायर उस अर्जी पर आदेश पारित किया, जिसमें जांच पूरी करने के लिए और 30 दिन का समय मांगा गया था।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिछले साल तीन अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।
भाषा सुभाष संतोष
संतोष

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