दिल्ली सरकार ने स्कूलों से पार्किंग की समस्या पर पुलिस से मदद लेने को कहा

दिल्ली सरकार ने स्कूलों से पार्किंग की समस्या पर पुलिस से मदद लेने को कहा

दिल्ली सरकार ने स्कूलों से पार्किंग की समस्या पर पुलिस से मदद लेने को कहा
Modified Date: March 29, 2025 / 06:31 pm IST
Published Date: March 29, 2025 6:31 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) दिल्ली सरकार ने ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने की कोशिशों के तहत सभी निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने परिसर के आसपास अनाधिकृत पार्किंग और बेवजह हॉर्न बजाए जाने के मुद्दे को लेकर शहर की पुलिस को पत्र लिखें।

दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने बृहस्पतिवार को जारी आदेश में स्कूलों को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए उपायों पर एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) तैयार करने और इसे तीन मार्च तक सौंपने का निर्देश दिया।

शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने स्कूलों में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2002 के क्रियान्वयन और एटीआर तैयार करने के सिलसिले में सभी थाना प्रभारियों (एसएचओ) को पत्र लिखा।

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रोहिणी स्थित सॉवरेन स्कूल के चेयरपर्सन आरएन जिंदल ने विद्यालय परिसर के पास अनधिकृत पार्किंग के कारण होने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “हमारा स्कूल एक रिहायशी इलाके में है और रात में पार्किंग की वजह से सुबह आसपास की सफाई करने में काफी दिक्कतें आती हैं। वाहनों की कतारों के कारण स्कूल के गेट के पास यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”

जिंदल ने कहा, “हम इस मुद्दे पर एसएचओ को पत्र लिखेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि उनके हस्तक्षेप से इस मुद्दे को सुलझाने में मदद मिलेगी।”

द्वारका स्थित आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या शुधा आचार्य ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की और स्कूलों के आसपास अनाधिकृत पार्किंग की समस्या को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, “हमारे स्कूल के सुरक्षाकर्मी परिसर के अंदर पार्किंग की स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश करते हैं। हालांकि, स्कूल के बाहर अक्सर अनाधिकृत रूप से वाहन खड़े किए जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है।”

उन्होंने कहा, “निर्देशों के अनुसार, हम एसएचओ से संपर्क कर स्कूल के पास अनाधिकृत पार्किंग और बेवजह हॉर्न बजाने की समस्या के समाधान में उनकी मदद मांगेंगे।”

भाषा पारुल देवेंद्र

देवेंद्र


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