दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आपात स्थिति’ में एयर प्यूरीफायर पर कर में छूट न देने पर नाराजगी जतायी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आपात स्थिति’ में एयर प्यूरीफायर पर कर में छूट न देने पर नाराजगी जतायी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आपात स्थिति’ में एयर प्यूरीफायर पर कर में छूट न देने पर नाराजगी जतायी
Modified Date: December 24, 2025 / 02:21 pm IST
Published Date: December 24, 2025 2:21 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ऐसी‘‘आपात स्थिति’’ में ‘एयर प्यूरीफायर’ पर कर में छूट न देने पर नाराजगी जताई, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेने और दोपहर को अदालत को सूचित करने को कहा।

अदालत एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई कर रही है जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि एयर प्यूरीफायर को ‘‘चिकित्सा उपकरण’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाए और उन पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए। फिलहाल एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

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सुनवाई की शुरुआत में ही पीठ ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि इस मामले में अब तक कुछ भी नहीं किया गया है। पीठ ने कहा कि हर नागरिक को स्वच्छ हवा की आवश्यकता है, जिसे उपलब्ध कराने में अधिकारी विफल रहे हैं।

अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण से पैदा हुई ‘‘अत्यंत आपातकालीन स्थिति’’ को देखते हुए एयर प्यूरीफायर को विलासिता की वस्तु नहीं माना जा सकता।

याचिका में तर्क दिया गया है कि घर के अंदर स्वच्छ हवा तक पहुंच अब स्वास्थ्य और जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य हो गई है।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा


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