आईबी अधिकारी की हत्या मामले में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका का पुलिस ने किया विरोध
आईबी अधिकारी की हत्या मामले में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका का पुलिस ने किया विरोध
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से जुड़े मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका का बुधवार को विरोध किया।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
पुलिस के अनुसार आरोपियों को शांत कराने और उनसे कानून हाथ में न लेने का आग्रह करते समय शर्मा को पकड़कर घसीटा गया और धारदार हथियार से 51 बार वार करने के बाद उनके शव को पास के नाले में फेंक दिया गया।
वकील तारा नरूला के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि हुसैन को पहले ही पांच साल से अधिक समय से जेल में रखा गया है और मुकदमे को शीघ्र निपटाने के लिए निचली अदालत के ‘सर्वोत्तम प्रयासों’ के बावजूद किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में समय लगेगा।
याचिका में कहा गया है, ‘मौजूदा मामले में आवेदक पर उकसाने का आरोप है। पांच कथित सरकारी गवाहों में से तीन गवाहों ने आवेदक को निर्दोष बताया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने आवेदक को संबंधित समय पर घटनास्थल पर नहीं देखा था।’
याचिका में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश दो गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं।
दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक रजत नायर ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उम्मीद है कि अभियोजन पक्ष निचली अदालत में सुनवाई की अगली तारीख पर सभी साक्ष्य पेश कर देगा।
नायर ने कहा, ‘ताहिर हुसैन एक मूकदर्शक नहीं था, बल्कि सांप्रदायिक हिंसा में सक्रिय रूप से भागीदार था।”
उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुईं थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
भाषा
जोहेब माधव
माधव

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