नई दिल्ली। विपक्षी दलों की मांग खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग का फैसला लिया है कि वोटो की गिनती की प्रक्रिया नहीं बदलेगी। 22 विपक्षी दलो ने गिनती से पहले वीवीपीएटी से मिलान की मांग की थी। लेकिन आयोग ने बैठक में इस मांग को खारिज करने का फैसला लिया।
बताया जा रहा है कि बैठक में आयोग के वरिष्ठ अफसरों के साथ सीनियर अधिकारियों के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भी मौजूद थे। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि यदि आयोग विपक्षी दलों की मांग पर राजी होता है तो मतगणना में 2-3 दिन का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मंगलवार को कांग्रेस, एसपी, टीएमसी समेत 22 दलों ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि 23 मई को मतगणना शुरू होने से पहले बिना किसी क्रम के चुने गए पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपीएटी पर्चियों की जांच की जाए। वहीं आयोग ने एक बयान में स्ट्रांगरूम्स में रखे गए ईवीएम की सुरक्षा को लेकर जाहिर की जा रही तमाम आशंकाओं को खारिज कर दिया,
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विपक्षी दलों ने मांग की थी कि अगर किसी एक बूथ पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और इसे ईवीएम रिजल्ट्स से मिलाया जाए।
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