देवेगौड़ा ने खरगे से राज्यसभा में पूछा, क्या कांग्रेस आपका प्रधानमंत्री बनना बर्दाश्त करेगी ? |

देवेगौड़ा ने खरगे से राज्यसभा में पूछा, क्या कांग्रेस आपका प्रधानमंत्री बनना बर्दाश्त करेगी ?

देवेगौड़ा ने खरगे से राज्यसभा में पूछा : क्या कांग्रेस आपका प्रधानमंत्री बनना बर्दाश्त करेगी ?

Edited By :   Modified Date:  February 8, 2024 / 05:26 PM IST, Published Date : February 8, 2024/4:16 pm IST

Deve Gowda asked Kharge in Rajya Sabha: नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने कांग्रेस की आलाकमान संस्कृति पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा कि क्या कांग्रेस उनकों, देश का प्रधानमंत्री बनाया जाना बर्दाश्त करेगी ? राज्यसभा में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के विदाई समारोह में भाग लेते हुए, जद (एस) नेता देवेगौड़ा ने खरगे की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई कि उन्होंने आखिरी दौर में अपना राजनीतिक रास्ता बदल लिया।

देवेगौड़ा ने कहा कि भाजपा को उनका समर्थन अपनी पार्टी जद(एस) को ‘‘कुछ कांग्रेसियों’’ से बचाने के लिए था जो इसे नष्ट करना चाहते थे। खरगे की ईमानदारी और अपने राजनीतिक करियर के दौरान उनसे मिले समर्थन की सराहना करते हुए, पूर्व प्रधानमंत्री ने 2019 में कांग्रेस-जद (एस) सरकार के पतन के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं को दोषी ठहराया। कांग्रेस-जद (एस) सरकार का नेतृत्व देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी ने किया था।

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने पुत्र को नहीं बल्कि खरगे को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया था लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इस बात पर जोर दिया कि कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘…13 महीने के भीतर, उन्हें (कुमारस्वामी को) किसने हटाया? खरगे ने नहीं बल्कि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें हटाया।’’ देवेगौड़ा ने आगे कहा, ‘‘श्रीमान खरगे, क्या आप इस देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं? क्या कांग्रेस इसे बर्दाश्त करेगी? कृपया मुझे बताएं, मैं कांग्रेस को जानता हूं।’’

खरगे को लगभग 35-40 वर्ष तक काम करने और एक साफ-सुथरी छवि वाला व्यक्ति बताते हुए देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘…लेकिन क्या हुआ जब किसी ने प्रधानमंत्री बनने या नेता बनने के लिए आपका नाम सुझाया? इसका उनके अपने ही दोस्तों ने विरोध किया ।’’

इसीलिए मैंने भाजपा को समर्थन देने का फैसला लिया

देवेगौड़ा ने कहा कि वह अपने जीवन में कोई निजी लाभ पाने के लिए एक पार्टी से दूसरी पार्टी में कभी नहीं गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी ही पार्टी को बचाना चाहता हूं जब कुछ कांग्रेसी मेरी पार्टी को नष्ट करना चाहते हैं। इसीलिए मैंने भाजपा को समर्थन देने का फैसला लिया है। यही एकमात्र कारण है।’’

उन्होंने खरगे का रुख करते हुए कहा कि यह व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्यार और स्नेह ही एकमात्र ऐसी चीज है ‘‘जो मुझे बतौर लाभ वर्तमान प्रधानमंत्री से मिला है।’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘जब मेरे बेटे को कांग्रेस ने (मुख्यमंत्री पद से) हटा दिया था, उसी दिन मैंने अपने बेटे से कहा था कि भाजपा के साथ चले जाओ। उस दिन मैंने कहा था कि कांग्रेस आपको आगे बढ़ने नहीं दे सकती। मैंने ही कुमारस्वामी से कहा था कि भाजपा के साथ चले जाओ।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी ‘‘कांग्रेस में उन शीर्ष नेताओं द्वारा की गई गलती के लिए रोये थे।’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने इस देश पर दस साल तक शासन किया, देश को कर्ज के जाल से बचाया और पूरी ईमानदारी से देश की सेवा की, वह तब रो पड़ा जब 2जी स्पेक्ट्रम पर लोकसभा में चर्चा हो रही थी।’’

अपने विदाई संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने दिवंगत अरुण जेटली से मिले मार्गदर्शन का जिक्र किया। उन्होंने एक घटना के बारे में भी बताया जब वरिष्ठ राजनेता और संसदीय स्थायी समिति के तत्कालीन अध्यक्ष के सी त्यागी ने उन्हें चार बार बैठकों में अनुपस्थित रहने के कारण पैनल के बोर्ड से हटा दिया था।

मंडाविया ने कहा ‘‘त्यागी जी ने मुझे संसदीय अनुशासन सिखाया।’’ उन्होंने कहा कि वह तीन तलाक कानून, जीएसटी, महिला आरक्षण और न्याय संहिता जैसे कानून के पारित होने जैसे ऐतिहासिक सुधारों के गवाह रहे हैं। मंडाविया ने कहा कि जब देश 100 साल पूरे करेगा, तो लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वर्णिम काल को और सभी विधायी सुधारों को याद करेंगे।

समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उनका सबसे अच्छा अनुभव यह रहा कि ‘‘मेरा परिवार बड़ा हो गया है।’’ उन्होंने सदन सदस्यों के लिए और अधिक शक्ति की कामना की ताकि उच्च सदन ‘‘अप्रासंगिक’’ न हो और पहले की तरह शक्तिशाली तथा सम्माननीय बना रहे। अपने विदाई भाषण में, भाजपा के प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक मंत्री के रूप में उन्होंने उन रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी जो पर्यावरण मंजूरी के कारण लंबित थीं।

केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने पिछले दस वर्षों में देश में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है । साथ ही उन्होंने 2जी घोटाले, स्पेक्ट्रम नीलामी, एनपीए, ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी), नेट न्यूट्रैलिटी और डेटा सुरक्षा पर सदन में हुई बहस का जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि उच्च सदन को भविष्य में राजनीतिक सहमति तक पहुंचने के लिए समितियों के कामकाज को मजबूत करने के तरीकों के बारे में भी सोचना चाहिए।

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित करने के लिए पार्टी नेतृत्व और महाराष्ट्र विधानमंडल को धन्यवाद दिया और कहा कि यह केरल के प्रति प्रधानमंत्री मोदी के लगाव और स्नेह का परिचायक है। बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रत्येक सदस्य ने उच्च सदन की समृद्धि को बढ़ाया है। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने उम्मीद जताई कि सदस्य अपनी पार्टियों और आम लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगे।

तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक, डॉ शांतनु सेन, अबीर रंजन बिस्वास, बीजू जनता दल के डॉ अमर पटनायक, सुलता देव, आम आदमी पार्टी के नारायण दास गुप्ता, बीआरएस सदस्य डॉ के केशव राव, बी लिंगैया यादव, रविचंद्र वद्दीराजू, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, भाजपा के पुरुषोत्तम रुपाला, सरोज पांडेय, डॉ अशोक बाजपेयी, कांता कर्दम, अनिल बलूनी, सकलदीप राजभर, अजय प्रताप सिंह, हरनाथ सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ डी पी वत्स, कैलाश सोनी, विजय पाल सिंह तोमर, सुशील कुमार मोदी, डॉ अनिल जैन, समीर उरांव, भाजपा के नाम निर्देशित सदस्य राकेश सिन्हा, जद(यू) के वशिष्ठ नारायण सिंह, अनिल प्रसाद हेगड़े, अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरै, भाजपा की नाम निर्देशित सदस्य डॉ सोनल मानसिंह, कांग्रेस की अमी याज्ञिक, नारण भाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, राजमणि पटेल, डॉ एल हनुमंथैया, टीएमसी (एम) सदस्य जी के वासन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, भाकपा के बिनॅय बिस्वम ने भी उच्च सदन में मिले अनुभवों को याद किया।

read more:  Rajya Sabha Elections 2024 : लोकसभा से पहले राज्यसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर, सोनिया-प्रियंका समेत कई बड़े नेताओं के नाम शामिल, 27 फरवरी को होगा मतदान

read more:  जनसंख्या को नजरअंदाज नहीं कर सकते, इसे दुनिया की समस्याओं के नीतिगत समाधान का हिस्सा बनना होगा