उड़ान ड्यूटी मानदंड लागू न होने को लेकर दाखिल अवमानना ​​याचिका पर डीजीसीए से जवाब तलब

उड़ान ड्यूटी मानदंड लागू न होने को लेकर दाखिल अवमानना ​​याचिका पर डीजीसीए से जवाब तलब

उड़ान ड्यूटी मानदंड लागू न होने को लेकर दाखिल अवमानना ​​याचिका पर डीजीसीए से जवाब तलब
Modified Date: December 16, 2025 / 07:40 pm IST
Published Date: December 16, 2025 7:40 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ‘इंडियन पायलट्स गिल्ड’ (आईडीआई) द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जवाब तलब किया।

आईडीआई ने अदालत द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अनुमोदित नए उड़ान ड्यूटी समय सीमा संबंधी मानदंडों को पूरी तरह से लागू न करने का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि पायलट के थकान प्रबंधन से जुड़े नियमों में विमानन कंपनियों को छूट और रियायतें दी गईं, जो नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर)-2024 ढांचे का उल्लंघन है।

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न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने इंडियन पायलट्स गिल्ड की अवमानना ​​याचिका पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को नोटिस जारी किया और उससे जवाब दाखिल करने को कहा।

अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की है।

डीजीसीए के वकील ने अवमानना ​​याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अदालत ने सीएआर के प्रावधानों को निलंबित नहीं किया है। भले ही कार्यान्वयन की समयसीमा बाध्यकारी है, लेकिन नियामक के पास विमान अधिनियम और नियमावली के तहत अस्थायी, विशिष्ट मामलों में छूट देने की वैधानिक शक्तियां बरकरार हैं।

डीजीसीए के वकील ने दलील दी कि इस तरह की छूट सीमित होने के साथ समीक्षा के अधीन थी, और सीएआर अब भी लागू है।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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