'धाम' लोगों की आस्था के आधार पर बनते हैं, किसी व्यक्ति के अहंकार से नहीं : माझी |

‘धाम’ लोगों की आस्था के आधार पर बनते हैं, किसी व्यक्ति के अहंकार से नहीं : माझी

'धाम' लोगों की आस्था के आधार पर बनते हैं, किसी व्यक्ति के अहंकार से नहीं : माझी

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Modified Date: June 11, 2025 / 12:36 AM IST
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Published Date: June 11, 2025 12:36 am IST

भुवनेश्वर, 10 जून (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि ‘धाम’ लोगों की धार्मिक आस्था के आधार पर स्थापित किए जाते हैं, न कि किसी व्यक्ति या सरकार के अहंकार से स्थापित किए जाते है।

माझी यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। यह पत्र दीघा में स्थित एक मंदिर को ‘जगन्नाथ धाम’ कहे जाने को लेकर उपजे विवाद के संबंध में था।

बनर्जी का नाम लिए बिना माझी ने कहा, ‘‘धाम सैकड़ों वर्ष पूर्व लोगों की आस्था के आधार पर स्थापित हुए थे, जिन्हें कोई व्यक्ति या सरकार बदल नहीं सकती। आदिशंकराचार्य ने हिंदुओं के लिए चार धामों की स्थापना की थी और पुरी का जगन्नाथ धाम उन्हीं में से एक है।’’

माझी ने कहा, ‘हां, मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था। (जिसमें बनर्जी से दीघा में जगन्नाथ मंदिर को ‘धाम’ कहने से बचने का अनुरोध किया गया था)। लेकिन उन्होंने पत्र के माध्यम से जवाब नहीं दिया, बल्कि एक बयान जारी किया जो स्वीकार्य नहीं है। यह मामला लाखों लोगों की आस्था पर आधारित है, इसका सम्मान किया जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका (बनर्जी का) बयान अहंकार और घमंड को दर्शाता है। लोग उचित समय पर उन्हें इसका करारा जवाब देंगे।’’

माझी ने छह मई को बनर्जी को एक पत्र लिखकर कहा था, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह करता हूं कि दीघा में हाल ही में स्थापित जगन्नाथ मंदिर के संबंध में ‘जगन्नाथ धाम’ नाम के उपयोग पर पुनर्विचार करें और इसे आधिकारिक नामकरण, संवाद और प्रचार सामग्री में प्रयोग करने से बचें।’’

ममता बनर्जी ने 30 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के समुद्री पर्यटन स्थल दीघा में इस मंदिर का उद्घाटन किया था।

भाषा राखी प्रशांत

प्रशांत

 

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