धर्मस्थल मामला: कर्नाटक उच्च न्यायालय के मीडिया प्रतिबंध हटाने के आदेश पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
धर्मस्थल मामला: कर्नाटक उच्च न्यायालय के मीडिया प्रतिबंध हटाने के आदेश पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस हालिया आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा, जिसमें ‘धर्मस्थल सामूहिक कब्र’ मामले की रिपोर्टिंग पर लगे मीडिया प्रतिबंध को रद्द कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने एक अगस्त को बेंगलुरु दीवानी अदालत द्वारा जारी उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें कब्र के मामले की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी गई थी।
प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने कहा, “करीब 8,000 यूट्यूब चैनल धर्मस्थल मंदिर के खिलाफ अपमानजनक तथ्य प्रसारित कर रहे हैं।” उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
धर्मस्थल मंदिर निकाय के सचिव हर्षेन्द्र कुमार डी. ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मंदिर का प्रबंधन करने वाले परिवार को निशाना बनाने वाले अपमानजनक विषय-वस्तु को हटाने का अनुरोध किया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “मुझे लगता है कि यह पहले ही कल के लिए सूचीबद्ध हो चुका है।”
न्यायमूर्ति गवई की अगुवाई वाली पीठ ने 23 जुलाई को यूट्यूब चैनल ‘थर्ड आई’ द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, जिसमें कर्नाटक के धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी. वीरेंद्र हेगड़े के भाई से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करने से मीडिया संस्थानों को रोकने वाले व्यापक प्रतिबंध आदेश को चुनौती दी गई थी।
यह आदेश राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में महिलाओं की कथित हत्या किये जाने और उन्हें दफनाये जाने की खबरों पर दिया गया था।
स्थानीय अदालत के एकपक्षीय अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका में उस निर्देश की वैधता पर सवाल उठाया गया है, जिसमें 390 मीडिया संस्थानों को धर्मस्थल सामूहिक कब्र मामले से संबंधित लगभग 9,000 लिंक और कहानियां हटाने का निर्देश दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालय न जाने पर सवाल उठाया था।
उन्होंने कहा था, “आप पहले उच्च न्यायालय जाइए।”
भाषा
प्रशांत सुरेश
सुरेश

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