द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई: ब्रिटेन के डेविड लैमी के साथ बातचीत पर जयशंकर

द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई: ब्रिटेन के डेविड लैमी के साथ बातचीत पर जयशंकर

द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई: ब्रिटेन के डेविड लैमी के साथ बातचीत पर जयशंकर
Modified Date: March 5, 2025 / 09:00 pm IST
Published Date: March 5, 2025 9:00 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

लंदन, पांच मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन में उनके समकक्ष डेविड लैमी के साथ उनकी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें पुन: शुरू की गई मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता, रणनीतिक समन्वय और राजनीतिक सहयोग शामिल है।

लैमी ने जयशंकर की मेजबानी की। केंट के शेवेनिंग हाउस में दो दिन तक हुई ‘‘व्यापक और सार्थक’’ वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

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बंद कमरे में हुई बैठकों से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट में दोनों विदेश मंत्री 17वीं सदी के ‘कंट्री हाउस’ का दौरा करते और मैदान के चारों ओर टहलते हुए गहन बातचीत करते दिखाई देते हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पिछले दो दिन में शेवेनिंग हाउस में विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ व्यापक और सार्थक बातचीत हुई।’’

उन्होंने कहा, “हमने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलू पर चर्चा की, विशेष रूप से रणनीतिक समन्वय, राजनीतिक सहयोग, व्यापार समझौते पर बातचीत, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, गतिशीलता और लोगों से लोगों के बीच संपर्क पर हमारा ध्यान। उन्हें और मजबूत करने के लिए अगले कदम उठाने पर सहमत हुए।”

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन संघर्ष, पश्चिम एशिया, बांग्लादेश और राष्ट्रमंडल सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत-ब्रिटेन संबंध अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में स्थिरता एवं समृद्धि लाने में मदद करते हैं।”

विदेश मंत्री अपनी पत्नी क्योको जयशंकर के साथ लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर, गृह मंत्री यवेटे कूपर और व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ बातचीत के बाद मंगलवार शाम शेवेनिंग हाउस पहुंचे, जहां उनका ‘‘गर्मजोशी से स्वागत’’ किया गया।

भारत के शेवनिंग स्कॉलर्स के लिए लैमी द्वारा आयोजित स्वागत समारोह के बाद जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारी प्रतिभा और लोगों के बीच आदान-प्रदान की एक ज्वलंत अभिव्यक्ति, वे निश्चित रूप से भारत-ब्रिटेन संबंधों की महान समर्थक हैं।’’

वार्ता का स्थान दुनिया के सबसे बड़े शेवेनिंग कार्यक्रम-ब्रिटेन सरकार की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति और फेलोशिप योजना के केंद्र के रूप में भारत की स्थिति का प्रतीक था।

लैमी ने वार्ता से पहले विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली में व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बाद डॉ. जयशंकर और मैं भारत के साथ हमारे 41 अरब जीबीपी के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं। यह हमारी महत्वाकांक्षाओं की सीमा नहीं, बल्कि मंजिल है जिससे हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।’’

माना जाता है कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के नागरिकों के लिए उन अवसरों पर भी चर्चा की जो कृत्रिम मेधा (एआई), दूरसंचार और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग से उत्पन्न होंगे।

एफसीडीओ ने कहा कि अवसरों में अधिक प्रभावी और किफायती स्वास्थ्य सेवा तथा अधिक लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं, साथ ही अधिक नवाचार, निवेश और रोजगार सृजन शामिल हैं।

ब्रिटेन और आयरलैंड से जुड़ी अपनी छह दिवसीय यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सिलसिलेवार ढंग से उच्चस्तरीय वार्ता, विदेश नीति संबंधी कार्य और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों को नयी गति प्रदान करेगी।

जयशंकर इस सप्ताह के अंत में बेलफास्ट, उत्तरी आयरलैंड और मैनचेस्टर, उत्तरी इंग्लैंड में भारत के नए महावाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन करेंगे।

लैमी ने कहा, ‘‘बेलफास्ट और मैनचेस्टर में नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का खुलना हमारे लोगों के बीच बढ़ते संबंधों को दर्शाता है और हम न केवल लंदन में, बल्कि पूरे ब्रिटेन में प्रगति की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।’’

बाद में बुधवार को, जयशंकर लंदन में ‘रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स’ में ‘दुनिया में भारत का उदय और भूमिका’ शीर्षक पर एक वार्तालाप सत्र में भी भाग लेंगे। इस संस्थान को आमतौर पर ‘चैथम हाउस’ के नाम से भी जाना जाता है।

संबंधित थिंक टैंक के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी ब्रॉनवेन मैडॉक्स कई विषयों पर जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे। इसमें विदेश नीति संबंधी भारत के दृष्टिकोण और यूक्रेन से लेकर पश्चिम एशिया तक प्रमुख वैश्विक बिंदुओं पर भारत की स्थिति पर चर्चा की जाएगी।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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