द्रमुक ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी के आवास पर ‘आयकर तलाशी’ के लिए केंद्र सरकार की निंदा की

द्रमुक ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी के आवास पर ‘आयकर तलाशी’ के लिए केंद्र सरकार की निंदा की

द्रमुक ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी के आवास पर ‘आयकर तलाशी’ के लिए केंद्र सरकार की निंदा की
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: April 2, 2021 8:41 am IST

वेल्लोर (तमिलनाडु), दो अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु में द्रमुक ने पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन की बेटी सेंथामराई के चेन्नई स्थित आवास पर आयकर अधिकारियों द्वारा की गई ‘तलाशी’ को लेकर केंद्र सरकार की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से प्रेरित है।

पार्टी के महासचिव दुरईमुरुगन ने कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी चुनाव प्रचार पूरा करने के चरण में है और मतदान का रास्ता देख रही तो आयकर अधिकारियों ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी सेंथामराई के आवास पर ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से तलाशी ली। अभी तक आयकर अधिकारियों ने इस तलाशी की न तो पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है।

यहां संवाददाताओं से बातचीत में दुरईमुरुनग ने दावा किया कि केंद्र ने दरअसल ‘गलत धारणा’ बनाई कि चुनाव से ठीक पहले तलाशी से स्टालिन, उनका परिवार और पार्टी स्तब्ध रह जाएगी और चुनाव की तैयारियां कमजोर पड़ेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ द्रमुक ऐसी पार्टी नहीं है, जिसे तलाशी से डराया जा सके।’’

 ⁠

उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले भी ऐसी घटनाएं देखीं हैं और वह इससे प्रभावित नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि हाल में पार्टी नेता ए वी वेलु से जुड़े परिसरों में आयकर विभाग ने तलाशी ली थी और अब सेंथामराई के आवास की तलाशी हुई है। केंद्र सरकार का इस तरह का चाल चलना न तो ‘लोकतांत्रिक है और न ही ईमानदार राजनीति’ है और वह इस कदम की निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर पार्टी इस तरह की तलाशी से डरती तो काफी पहले ही ‘खत्म’ हो गई होती। इस तरह के कदमों से पार्टी अपने इरादे में और मजबूत होती है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह सोचा होगा कि स्टालिन अपनी प्यारी बेटी को दुखी नहीं देख पाएंगे लेकिन द्रमुक अध्यक्ष ‘पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के नेता’ हैं और वह ‘ बहादुर शेर’ हैं।

उनसे जब राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक और अन्य पार्टियों के के नेताओं से जुड़े परिसरों में भी तलाशी लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि द्रमुक के लोगों के यहां छापेमारी उन्हें डराने के लिए की गई तथा बाकी अन्य तो ढकोसला है।

भाषा स्नेहा शाहिद

शाहिद


लेखक के बारे में