उच्च न्यायालय ने केन्द्र से कहा, लोगों को बार-बार अदालत आने के लिये मजबूर न करें

उच्च न्यायालय ने केन्द्र से कहा, लोगों को बार-बार अदालत आने के लिये मजबूर न करें

उच्च न्यायालय ने केन्द्र से कहा, लोगों को बार-बार अदालत आने के लिये मजबूर न करें
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: June 1, 2021 12:18 pm IST

नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केन्द्र से कहा कि अधिकारियों को लोगों को एक ही विषय पर बार-बार याचिका दाखिल करने के लिये मजबूर नहीं करना चाहिये, जिस पर अदालत निर्णय ले चुकी हो।

अदालत ने कहा कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिये राष्ट्रीय याचिका नीति मौजूद है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल तथा न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ” भारत सरकार की राष्ट्रीय याचिका नीति (एनएलपी) के मद्देनजर अधिकारियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिये कि यदि किसी मामले में तथ्य समान हैं और कोई सक्षम अदालत या अधिकरण पहले ही निर्णय सुना चुका है तो बाद के समान मामलों में उन्हें इसका पालन करना चाहिये। अधिकारियों को (समान मामले) में बार बार लोगों को अदालत भेजने को मजबूर नहीं करना चाहिये।”

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अदालत ने इंडिगो एयरलाइंस का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की, जिसमें सीमा शुल्क अधिकारियों को सीमा शुल्क उत्पाद व सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) के फैसले को लागू करने के लिए निर्देश देने की अपील की गई थी।

इस फैसले में कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए गए विमान के मरम्मत किये गए भागों के पुन: आयात को एकीकृत माल व सेवा कर (आईजीएसटी) से छूट दी गई है।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश


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