Dowry Advantage: Dowry helps ugly girls to get married, controversial Book

‘बदसूरत दिखने वाली लड़कियों’ की शादी कराने में मदद कर सकती है ‘दहेज प्रथा’, कक्षाओं में पढ़ाई जा रहीं दहेज की खूबियां?

कक्षाओं में पढ़ाई जा रहीं दहेज की खूबियां? Dowry Advantage: Dowry helps ugly girls to get married, Viral controversial Book of Nursing

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 4, 2022/5:51 pm IST

नई दिल्ली: Dowry Advantage कहने को तो भारत में दहेज प्रथा एक अपराध है, लेकिन ये भी सच है कि माता-पिता अपनी बेटी की शादी में हैसियत से बढ़कर दहेज देते हैं। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर दहेज के फायदे बताने वाली किताब का एक पेज जमकर वायरल हो रहा है। साथ ही इस कवर पेज को लेकर बवाल मचा हुआ है। सबसे चौकाने वाली बात ये है कि ये किताब भारतीय नर्सिंग परिषद के सिलेबस में शामिल बताया जा रहा है।

Dowry Advantage इस किताब में एक उपशीर्षक के साथ एक हिस्सा है जिस पर सारा विवाद है, इसका नाम है ‘दहेज की योग्यता’ जिसकी लेखिका टीके इंद्राणी हैं। पेज की फोटो शेयर करने वाले सोशल मीडिया यूजर्स में शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं, उन्होंने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी किताबों को सिलेबस से हटाने का आग्रह किया और कहा कि हमारे सिलेबस में ऐसे विषयों का होना ‘शर्म की बात है’।

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मिली जानकारी के अनुसार विवादित किताब के एक अंश में कहा गया है कि फर्नीचर, रेफ्रिजरेटर और वाहनों जैसे उपकरणों के साथ ‘दहेज नया घर स्थापित करने में सहायक है।’ इसके बाद दहेज में माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने वाली लड़कियों को प्रथा का विरोध करने वालीं लड़कियों के रूप में बताया गया है। पेज के अंतिम बिंदु में लिखा है कि दहेज प्रथा ‘बदसूरत दिखने वाली लड़कियों’ की शादी कराने में मदद कर सकती है।

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गौरतलब है कि यह किताब उसी देश के सिलेबस में पढ़ाई जा रही है जहां यह कई सालों से गैरकानूनी है। हमारे समाज में दहेज की मांग को लेकर महिलाओं को मानसिक रूप प्रताड़ित करने, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने, मारने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की खबरें आज भी आती रहती हैं। ट्विटर यूजर्स ने किताब की जमकर आलोचना की है। लोगों ने इसके अंश शेयर करते हुए कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसी किताबें कॉलेज लेबल के स्टूडेंट्स के सिलेबस का हिस्सा हैं।

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