मराठवाड़ा में बाढ़ की आशंका वाले गांवों में ड्रोन ले सकते हैं ‘दवंडी’ की जगह

मराठवाड़ा में बाढ़ की आशंका वाले गांवों में ड्रोन ले सकते हैं ‘दवंडी’ की जगह

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Modified Date: May 21, 2025 / 08:27 PM IST
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Published Date: May 21, 2025 8:27 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 21 मई (भाषा) मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मानसून के आगमन को देखते हुए पुलिस ने संवेदनशील गांवों में लोगों की जान की सुरक्षा के लिए आपातकालीन घोषणाएं करने की खातिर ड्रोन का उपयोग करने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इस पहल का मकसद आपात स्थिति के दौरान दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने की चुनौतियों पर काबू पाना तथा नदीतट के पास रहने वाले लोगों के लिए समय पर चेतावनी सुनिश्चित करना है।

मराठवाड़ा क्षेत्र के गांव 2005 से गोदावरी, पूर्णा और मंजारा जैसी प्रमुख नदियों में बाढ़ का दंश झेल रहे हैं।

मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले – छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर और धाराशिव हैं। इन जिलों की आपदा प्रबंधन समितियों में शामिल पुलिस विभाग अब अपनी आपदा कार्रवाई में ड्रोन को शामिल करने के लिए प्रयासरत है।

नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि जिला योजना समिति के माध्यम से इन ड्रोन को खरीदने की योजना पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मंजूरी मिल जाती है, तो ऐसे ड्रोन नदी तट वाले इलाकों में तैनात किए जाएंगे।’’

संभागीय आयुक्त दिलीप गावड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मानसून के दौरान कभी-कभी गांवों तक पहुंचना और लोगों को बाढ़ या अन्य आपदाओं के बारे में सचेत करना कठिन होता है और उसमें काफी वक्त भी लग जाता है। इसलिए पुलिस ने सार्वजनिक घोषणा करने में मदद के लिए ड्रोन मांगे हैं।’’

एक अन्य अधिकारी ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान पुलिस को आसन्न खतरे के बारे में सार्वजनिक घोषणा करने के लिए गांवों में पहुंचना पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ गांवों में कभी-कभी ‘दवंडी’ (ढोल बजाकर विशेष घोषणा) भी की जाती है। लेकिन, मानसून के दौरान कभी-कभी गांवों तक पहुंचना और बाढ़ या अन्य आपदाओं के बारे में लोगों को सचेत करना कठिन होता है और उसमें समय लग जाता है।’’

प्रस्तावित ड्रोन ऐसी प्रणाली से लैस होंगे, जिससे पुलिस को दुर्गम क्षेत्रों में भी आकाश से महत्वपूर्ण जानकारी और चेतावनी प्रसारित करने में मदद मिलेगी।

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)