India pakistan ceasefire: भारत-पाक समझौते के 6 घंटों बाद ड्रोन दिखने और विस्फोटों से दहला जम्मू-कश्मीर, सेना ने किया नाकाम

India pakistan ceasefire: अधिकारियों ने पुष्टि की कि ड्रोन को मार गिराया गया। ये विस्फोट लगभग हर 15 मिनट पर हुए तथा अंधेरे में लपटें दिखने लगीं, जिससे भय और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

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  • Publish Date - May 10, 2025 / 11:59 PM IST,
    Updated On - May 11, 2025 / 12:34 AM IST
HIGHLIGHTS
  • ड्रोन गतिविधियों की सूचना पूरी कश्मीर घाटी में मिली
  • सुरक्षाकर्मियों को वायु रक्षा प्रणालियों का सहारा लेना पड़ा
  • श्रीनगर में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं

श्रीनगर/जम्मू, : India pakistan ceasefire, भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सैन्य कार्रवाई समाप्त करने पर सहमति बनने के महज कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर में ड्रोन दिखने और उसके बाद विस्फोट होने की घटनाओं से हड़कंप मच गया, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को वायु रक्षा प्रणालियों का सहारा लेना पड़ा।

श्रीनगर में, लोगों ने शाम के बाद कई विस्फोटों की सूचना दी। इस दौरान वायु रक्षा बलों ने बाटवारा इलाके में उड़ रहे एक ड्रोन को निशाना बनाया, जो एक रणनीतिक सैन्य प्रतिष्ठान के पास था। अधिकारियों ने पुष्टि की कि ड्रोन को मार गिराया गया। ये विस्फोट लगभग हर 15 मिनट पर हुए तथा अंधेरे में लपटें दिखने लगीं, जिससे भय और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटनाक्रम के दौरान सोशल मीडिया पर ‘‘संघर्षविराम’’ की घोषणा को लेकर शंकाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह कोई संघर्षविराम नहीं है। श्रीनगर के मध्य में वायु रक्षा इकाइयां तैयार हो गई हैं। संघर्ष विराम का आखिर क्या हुआ? श्रीनगर में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं!!’’

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India pakistan ceasefire, ड्रोन गतिविधियों की सूचना पूरी कश्मीर घाटी में मिली। ऐसे ही एक ड्रोन को रात करीब 8.20 बजे उत्तरी कश्मीर के बारामूला शहर के ऊपर ड्रोन रोधी प्रणाली द्वारा नष्ट कर दिया गया। एक अन्य ड्रोन को भी अनंतनाग के ऊंचे मैदान में मार गिराया गया, जो सेना के एक प्रतिष्ठान के बहुत करीब था।

अनंतनाग जिले के वेरीनाग और बांदीपोरा तथा सफापोरा से भी ड्रोन देखे जाने की सूचना मिली है, लेकिन अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।

अधिकारियों ने बताया कि हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सीधे तौर पर सहमति बन गई थी, लेकिन शनिवार देर रात जम्मू और उधमपुर जिलों में लगातार विस्फोटों की आवाज सुनी गई और पड़ोसी देश से भेजे गए संदिग्ध ड्रोन क्षेत्र में घूमते दिखे।

जम्मू शहर के कुछ हिस्सों में सायरन बजने के बाद विस्फोट हुए, जिसके परिणामस्वरूप कुछ क्षेत्रों में अस्थायी रूप से बिजली गुल हो गई। यद्यपि विस्फोटों के पीछे के कारण की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने सेना की वायु रक्षा इकाइयों को दुश्मन के ड्रोन को बेअसर करने के प्रयास में गोलीबारी करते देखा।

अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर आर एस पुरा सेक्टर, जम्मू के अखनूर और राजौरी जिले के नौशेरा में मोर्टार दागे जाने तथा छोटे हथियारों से गोलीबारी की भी खबरें मिली हैं।

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भारत और पाकिस्तान के बीच किस प्रकार का संघर्षविराम हुआ था?

उत्तर: भारत और पाकिस्तान के बीच 2021 में नियंत्रण रेखा (LoC) और अन्य सेक्टर्स में संघर्षविराम का पालन करने पर सहमति बनी थी, जिसे हाल ही में दोहराया गया था। इसका उद्देश्य सीमा पार गोलीबारी और घुसपैठ को रोकना था। लेकिन हाल की घटनाएं इस समझौते पर गंभीर सवाल उठा रही हैं।

ड्रोन हमले कहाँ-कहाँ हुए?

उत्तर: ड्रोन गतिविधियां श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग, बांदीपोरा, सफापोरा, और जम्मू, उधमपुर जैसे क्षेत्रों में देखी गईं। श्रीनगर में बाटवारा और अनंतनाग में ऊंचे इलाकों में भी ड्रोन गिराए गए। ये घटनाएं संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों के पास हुईं, जिससे सुरक्षा में गंभीर चिंता उत्पन्न हुई।

क्या ड्रोन हमलों से किसी को नुकसान हुआ है?

उत्तर: अभी तक किसी नागरिक या सैनिक के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, विस्फोटों और सायरनों की वजह से भय का माहौल जरूर बना है। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया।

क्या यह संघर्षविराम का उल्लंघन माना जा सकता है?

उत्तर: तकनीकी रूप से गोलीबारी और मोर्टार दागने की घटनाएं संघर्षविराम का उल्लंघन हैं। साथ ही, यदि पाकिस्तान से ड्रोन भेजे गए हैं, तो यह भी संघर्षविराम की भावना के विपरीत है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सोशल मीडिया पर इस पर सवाल उठाए हैं।

क्या इस सीजफायर से क्षेत्र में शांति की उम्मीद की जा सकती है?

उत्तर: यह एक सकारात्मक कूटनीतिक कदम है। अगर दोनों पक्ष वार्ता को गंभीरता से लेते हैं और विश्वास बहाली के उपाय करते हैं, तो इससे दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।