बीए.2.38 के चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर, रोग की गंभीरता नहीं बढ़ी है :इन्साकॉग बुलेटिन |

बीए.2.38 के चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर, रोग की गंभीरता नहीं बढ़ी है :इन्साकॉग बुलेटिन

बीए.2.38 के चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर, रोग की गंभीरता नहीं बढ़ी है :इन्साकॉग बुलेटिन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : July 10, 2022/4:22 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) ओमीक्रोन के उप-स्वरूप बीए.2 से उत्पन्न हुए बीए.2.38 ने अस्पताल में भर्ती होने की दर और रोग की गंभीरता नहीं बढ़ाई है तथा हाल में संक्रमण से कुछ लोगों की हुई मौत पहले से उनके किसी अन्य रोग से पीड़ित रहने के चलते हुई।

बुलेटिन में इंडियन सार्स-कोवी-2 जीनोमिक्स संघ (इन्साकॉग) ने कहा कि बीए.2 के कई मामलों को बीए.2.38 में वर्गीकृत किया गया है और यह उन नमूनों में मौजूद प्रतीत होता है जिनका हाल में अनुक्रमण किया गया।

इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, अब तक इससे अस्पताल में भर्ती होने की दर या रोग की गंभीरता में वृद्धि होने की कोई रिपोर्ट नहीं हैं। वहीं, हाल ही में दर्ज मौत के कुछ मामले पहले से उस मरीज के किसी अन्य बीमारी से पीड़ित रहने के कारण सामने आए। कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतने से संक्रमण में कमी आने की संभावना है और इसलिए इसका सुझाव दिया जाना जारी है। ’’

इन्साकॉग की ओर से 13 जून को एक बुलेटिन रविवार को जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि बीए.2 भारत में सबसे प्रमुख उप-स्वरूप बना हुआ है।

इसने कहा, ‘‘हालांकि रोग की गंभीरता के चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर उतनी नहीं बढ़ी। इन्साकॉग मौजूदा स्थिति पर करीबी निगरानी रख रहा है।’’

इन्साकॉग ने 30 मई को एक अन्य बुलेटिन में कहा था कि भारत में तब तक बीए.4 के पांच मामले और बीए.5 के तीन मामले सामने आये थे।

भाषा

सुभाष वैभव

वैभव

 

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